गहलोत ने फिर दिखाई जादूगरी, राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान में BJP समर्थित प्रत्याशी को झटका !

राजस्थान राज्यसभा चुनाव की उठापटक के बीच सीएम अशोक गहलोत ने फिर से अपनी जादूगरी का परिचय दिया है। सीएम गहलोत ने नाराज़ चल रहे कांग्रेस एवं बसपा के विधायकों को राजी कर लिया है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 5 विधायकों ने यू टर्न ले लिया है। शनिवार देर रात सीएम गहलोत से मिलने के बाद विधायकों के सीएम गहलोत के प्रति तेवर ठंडे दिखाई दिए। इसके बाद कांग्रेस खेमे को कुछ राहत मिली है।

सीएम से मिलने वाले विधायकों में लाखन मीना, वाजिब अली, गिर्राज सिंह मलिंगा, संदीप यादव, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा भी साथ में थे।

माना जा रहा है कि सीएम गहलोत से मिलने के बाद इन विधायकों की नाराजगी दूर हो गई है। हालांकि, इन विधायकों ने सीधे तौर पर सीएम गहलोत के प्रति नाराजगी नहीं जताई थी। क्षेत्र की विभिन्न लंबित मांगे पूरी नहीं होने से नाराज चल रहे थे। ये सभी विधायक उदयपुर में चल रही बाड़ेबंदी में नहीं गए थे। इन विधायकों का साथ मिलने के बाद कांग्रेस आसानी से 3 सीट जीत जाएंगे। माकपा ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। जबकि बीटीपी ने सशर्त समर्थन देने की बात कही है।

सीएम गहलोत से मिलने के बाद विधायक लाखन मीना ने कहा कि हमारी नेता सोनिया गांधी है। हम बसपा के सदस्य नहीं है। वोट तो कांग्रेस को ही करेंगे। विधायक लाखन मीना ने कहा कि हमारी नेता सोनिया गांधी है। हम बसपा के सदस्य नहीं है। वोट तो कांग्रेस को ही करेंगे। उल्लेखनीय है कि बसपा ने व्हिप जारी कर पांचों विधायकों को निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के पक्ष में मतदान करने के निर्देश दिए है।

उल्लेखनीय है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक संदीप यादव, गिर्राज सिंह मलिंगा, वाजिब अली और लाखन मीना कई दिनों से नाराज चल रहे थे। मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। हमारे विधायकों के उचित सम्मान नहीं मिला है।

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