असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चार विधायकों ने पार्टी छोड़ आरजेडी की लालटेन थाम ली. राजद में शामिल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ चारों विधायक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने गए.
इस दौरान एक दिलचस्प बात हुई जिसको लेकर भाजपा तंज कस रही है. दरअसल, लालू यादव से मिलने गए सभी 4 विधायकों के चप्पल पहले ही उतरवा दिए गए. विधायक जब लालू प्रसाद यादव से मिल रहे थे तो उनके पांव में चप्पल नहीं थे; जबकि लालू प्रसाद यादव ने और तेजस्वी यादव ने चप्पल पहन रखी थी. लालू यादव से हुई एआईएमआईएम के विधायकों की मुलाकात पर बीजेपी ने ट्विटर कर तंज कसा है.
दूसरी ओर बिहार में आरजेडी के सबसे बड़ी पार्टी बन जाने के बाद जेडीयू ने इशारों ही इशारों में बीजेपी पर तंज कसा है. जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि एआईएमआईएम के विधायक मुसलमान हैं, ये विधायक आखिर कहां जाएंगे राजद को छोड़कर. एआईएमआईएम के विधायक जदयू में इसलिए नहीं आए क्योंकि हम बीजेपी के साथ हैं.
गोपाल मंडल कहा किने बीजेपी के साथ जाने से मुस्लिम वोटर जेडीयू से दूर हुए हैं. जदयू विधायक ने राजद के साथ जदयू के सरकार बनाने के सवाल पर कहा कि राजद के साथ जदयू कभी सरकार बनाने नहीं जाएगा. राजद को जदयू के लोग वोट देते हैं; मगर राजद के लोग जदयू को नहीं वोट करते हैं. जदयू और राजद अब एक प्लेटफॉर्म पर नहीं आ सकते हैं.
वहीं, एआईएमआईएम के टूट पर मुकेश सहनी भी काफी खुल नजर आ रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वीआईपी पार्टी के सहयोग एवं समर्थन के बदौलत बिहार विधान सभा चुनाव 2020 में भाजपा दूसरी नंबर की पार्टी बनी थी. इसके बाद हमारे विधायकों को ही अपने पार्टी में शामिल कराकर बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनने का दावा किया. ताजा घटनाक्रम ने भाजपा को फिर से अपनी असली जगह भेज दिया है. मुकेश सहनी ने चारों विधायकों को राजद में शामिल होने पर बधाई व शुभकामनाएं दीं.
बता दें कि एआईएमआईएम के कोचाधामन सीट से विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से शाहनबाज आलम, बायसी से रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अनजार नईमी राजद में शामिल हुए हैं. केवल अख्तरुल इमान ही अब एआईएमआईएम के विधायक हैं. इन चारों विधायकों के राजद में शामिल होने के बाद बिहार विधान सभा में राजद 80 सीटों के साथ एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।