राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान, पार्टी के दिग्गज विधायक तथा चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को मनाने के लिए पूरी तरह से जुटी हुई है। अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करने की अपील करने वाले कुलदीप बिश्नोई 8 या 9 जून को राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। कुलदीप बिश्नोई की राहुल गांधी से मुलाकात की पुष्टि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने की है। राहुल गांधी कुलदीप बिश्नोई को मिलवाने का समय फिक्स करवाने में सबसे बड़ा योगदान हरियाणा राज्यसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन का है।
हरियाणा में कांग्रेस की चौधर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को देने और उनके चहेते उदय भान को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से कुलदीप बिश्नोई के तेवर बदले बदले से नजर आ रहे हैं। बिश्नोई कभी ट्विटर पर तो कभी बयान के माध्यम से अपनी नाराजगी दिखा चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई के ट्वीट या बयानों से ऐसा लगता है मानों वे बार-बर राहुल गांधी से मिलने के लिए उनके न्योते का इंतजार कर रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई फिलहाल जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। मगर अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करने की अपील करके उन्होंने राज्यसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने का काम अवश्य किया है।ऐसी संभावनाएं व्यक्त की जा रही है कि कुलदीप बिश्नोई को उनकी इच्छा अनुसार जब राहुल गांधी से मिलवा दिया जाएगा तथा उनकी राहुल गांधी से बातचीत हो जाएगी तो वह राज्यसभा चुनाव में अजय माकन के पक्ष में खड़े नजर आ सकते हैं। फिलहाल परिस्थितियों के अनुसार कुलदीप बिश्नोई कुछ न कुछ बयान देते रहते हैं।
ऐसी भी सूचना मिली है कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल हरियाणा राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन कुलदीप बिश्नोई से लगातार संपर्क में है। कुलदीप बिश्नोई ने इन नेताओं को भी केवल यही कहा है कि वह पहले राहुल गांधी जी से मिलेंगे उसके बाद अपना निर्णय लेंगे।
कुलदीप बिश्नोई की पीड़ा यह है कि वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के सशक्त दावेदार थे । कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें लगातार बुलाया उनसे लगातार मुलाकातें की। मगर उन्हें बिना विश्वास में लिए उदय भान की ताजपोशी कर दी गई। कुलदीप बिश्नोई राजनीतिक रूप से अब काफी मैच्योर हो चुके हैं। इसी कारण से वह जल्दबाजी में कोई भी कदम नहीं उठा रहे हैं। बिश्नोई राजनीति में अपना मान सम्मान व रुतबा हासिल करना चाहते हैं।