संसद के मानसून सत्र के आरंभ होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सभी दलों से आह्वान किया कि वे सदन को शालीनता, गरिमा और अनुशासन के साथ सुचारू से चलाने में सहयोग करें.
विपक्षी दलों ने हालांकि कहा कि इस सत्र में अग्निपथ योजना, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.
बिरला ने सर्वदलीय बैठक में शामिल नेताओं को सत्र की तैयारियों के संदर्भ में जानकारी दी.बाद में उन्होंने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने भरोसा दिलाया है कि वे सदन को गरिमा के साथ चलाने में अपना सहयोग देंगे.तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और वाम दल के प्रतिनिधि इस बैठक में नहीं पहुंचे. बीजू जनता दल का भी कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुआ.
बहरहाल, कांग्रेस, उसकी सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और आईयूएमएल ने बैठक में भाग लिया. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के नेता टी. आर. बालू ने अपने दलों का प्रतिनिधित्व किया.बैठक में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और अपना दल (एस) के नेता बैठक में शामिल हुए.संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया.
बैठक के बाद बिरला ने ट्वीट किया, संसद का मानसून सत्र प्रारंभ होने से पूर्व आज लोकसभा में सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की. उन्हें सत्र की तैयारियों की जानकारी दी. उनसे यह आग्रह किया कि सदन की उच्च परंपराओं और मूल्यों के अनुरूप सभी दल शालीनता, गरिमा और अनुशासन के साथ कार्यवाही के सुचारू संचालन में सहयोग करें.
उन्होंने कहा कि सभी दलों ने सदन को मर्यादा के साथ संचालित करने में सहयोग के लिए आश्वस्त किया. मॉनसून सत्र के दौरान प्रयास रहेगा कि जनहित से जुड़े विषयों पर व्यापक चर्चा और संवाद हो. आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए हम जनता की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करते हुए अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर सकें.बैठक के दौरान सत्र में चर्चा के लिए आने वाले मुद्दों और विभिन्न विधेयकों पर चर्चा के वास्ते समय के आवंटन को लेकर भी बातचीत हुई.
माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान असंसदीय शब्दों की सूची से जुड़ा मुद्दा भी उठा.बैठक के बाद चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि हमने मांग की है कि अग्निपथ, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो और विपक्ष को सदन में ये मुद्दे उठाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए. टी. आर. बालू ने भी यही मांग उठाई.संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सरकारी कामकाज की सूची रखी जिसमें 14 लंबित विधेयक और 24 नए विधेयक शामिल हैं.
बिरला ने सदस्यों को सूचित किया कि सत्र के दौरान 18 बैठक होंगी और कुल 108 घंटे का समय होगा. इसमें करीब 62 घंटे सरकारी कामकाज के लिए होंगे. शेष समय प्रश्नकाल, शून्यकाल और गैर-सरकारी काकाज के लिए आवंटित होंगे. लोकसभा अध्यक्ष संसद के हर सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक करते हैं. संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा।