हिमाचल में कांग्रेस ने BJP को दिया बड़ा झटका, कद्दावर महिला नेता ने थामा कांग्रेस का हाथ

हिमाचल भाजपा को मिल रहे झटकों के बीच पार्टी को एक बार फिर भाजपा को उस समय झटका लगा, जब दिल्ली में पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला की मौजूदगी में ठियोग से तीन बार विधायक रहे दिवंगत राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा कांग्रेस में शामिल हो गई हैं।

खुद इंदु दो बार जिला परिषद चुनाव जीत चुकी हैं। इंदु वर्मा भाजपा महिला मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी सदस्य रही हैं। अपर शिमला में वर्मा परिवार का राजनीति में खासा दबदबा रहा है।

हालांकि , पिछले दो दिनों से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह भाजपा की बगावत को रोकने के लिये शिमला में डेरा डाले हैं और जिला के विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में दौरा कर रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने में लगे हैं। उनकी लगातार हो रही बैठकों के बीच इंदु वर्मा के कांग्रेस में जाने से हिमाचल भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। इससे पहले पूर्व मंत्री खीमी राम और शिमला में भाजपा के पूर्व पार्षद भी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। भाजपा में इन दिनों बेचैनी का आलम है। कई कार्यकर्ता व नेता पार्टी में अपने भविष्य असुरक्षित महसूस करते हुये पार्टी छोड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि हिमाचल भाजपा में इन दिनों गुटबाजी का महौल पनप रहा है। कई पुराने कार्यकर्ता व नेता आरोप लगा रहे हैं कि पार्टी में उनकी पूछ घटी है। खासकर शिमला जिला में यही माहौल है। यहां कई नेता हाशिये पर है। यही वजह है कि आज इंदु वर्मा ने भाजपा छोड कांग्रेस का दामन थाम लिया।

शिमला जिला की सबसे हॉट-सीट माने जाने वाले ठियोग विधानसभा क्षेत्र में हालांकि कांग्रेस नेत्री विद्या स्टोक्स का दबदबा रहा है और भाजपा ने यहां से तीन चुनाव जीते। राकेश वर्मा यहां से चुनाव जीतते रहे हैं। दिवंगत राकेश वर्मा के पिता हिमाचल पुलिस के डीजीपी रहे हैं। लिहाजा वर्मा परिवार का यहां खासा दबदबा रहा है और उनके निधन के बाद धर्मपत्नी इंदु वर्मा भी यहां खासी सक्रिय रही हैं। उन्होंने दिल्ली में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इनकी लंबे समय से कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं चल रही थी। सूत्रों की मानें तो प्रशांत किशोर और कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता द्वारा ठियोग में कराए गए सर्वे के आधार पर इंदु वर्मा को कांग्रेस में शामिल किया गया है।

कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की मानें तो इंदु वर्मा ने टिकट देने और नहीं देने का निर्णय पार्टी हाईकमान पर छोड़ दी है। ऐसे में यदि कांग्रेस पार्टी इंदु को ठियोग से अपना प्रत्याशी बनाती है तो कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले दीपक राठौर का टिकट कटना तय है। इंदु के जॉइन करने के बाद ठियोग में कांग्रेस के टिकट के तीन मुख्य दावेदार हो गए हैं। राजीव शुक्ला ने कहा कि हिमाचल भाजपा में लगातार भगदड़ मची हुई है। उप चुनाव के नतीजों के बाद निरंतर माहौल भाजपा के खिलाफ बन रहा है। बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, युवाओं, बागवानों इत्यादि मसले पर भाजपा के खिलाफ लोगों में जबरदस्त रोष है। उन्होंने कहा कि इंदु वर्मा के परिवार का पूरे शिमला जिला में बड़ा प्रभाव है। मसलन इनके पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।

इंदु वर्मा दिवंगत विधायक राकेश वर्मा की धर्मपत्नी हैं। राकेश वर्मा ठियोग में कांग्रेस की कद्दावर नेता विद्या स्टोक्स को हरा चुके हैं। वह तीन बार विधायक चुने गए हैं। एक बार वह भाजपा से चुनाव जीते, जबकि दो बार बतौर निर्दलीय ठियोग क्षेत्र का नेतृत्व कर चुके हैं। हालांकि 2017 में राकेश वर्मा ठश्रच् के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इंदु वर्मा खुद भी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रही हैं। एक बार इंदु घूंड वार्ड तो एक बार ठियोग के देवरीघाट वार्ड से जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं। उनकी जनता के बीच अच्छी छवि है। वह 20 साल से महिला जागरूकता मंच भी चला रही है। इनके पति राकेश वर्मा का 2020 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इंदु वर्मा की जॉइनिंग के दौरान दिल्ली में सचिव सुधीर शर्मा और विधायक अनिरुद्ध सिंह भी मौजूद रहे।

इंदु वर्मा को ठियोग से भाजपा के टिकट की सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था लेकिन मई माह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बयान दिया कि पूर्व विधायकों व सांसदों के परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं दिया जाएगा। यह भाजपा हाईकमान की नीतिगत फैसला है। इसके बाद से ही कांग्रेस नेता भी इंदु वर्मा को निरंतर पार्टी में शामिल करने के प्रयास कर रहे थे। इंदु के भाजपा छोड़ने का भी यही कारण बना हैं।

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