राहुल गांधी को लेकर गलत वीडियो चलाने के आरोप में टीवी एंकर को रायपुर पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। दरअसल रायपुर पुलिस उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित एंकर के घर पर जब उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची तो वह वहां मौजूद नहीं थे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है।
पुलिस ने कहा कि हम उन्हें तलाशने की कोशिश कर रहे थे। इससे पहले गौदम बुद्ध नगर पुलिस स्टेशन पर 12 घंटे तक टीवी एंकर रोहित रंजन से मंगलवार रात को पूछताछ हुई थी।
रायपुर के डीएसपी उदयन देहर ने बताया कि हमारी टीम जी न्यूज के नोएडा स्थित दफ्तर गई थी, इसके साथ ही इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के खिलाफ भी गाजियाबाद के वरिष्ठ एसएसपी से शिकायत की है कि हमारे काम में उन्होंने बाधा पहुंचाई है। इससे पहले एक आधिकारिक बयान जारी करके गौतम बुद्ध नगर की पुलिस ने कहा था कि गायिजाबाद स्थित रोहित रंजन के घर से उन्हें एक केस के पूछताछ में नोएडा लाया गया था। उनके खिलाफ सेक्टर 20 पुलिस पुलिस स्टेशन में धारा 505(2) के तहत केस दर्ज है। पूछताछ के बाद रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया। चूंकि यह जमानती अपराध है, लिहाजा उन्हें रिहा कर दिया गया था। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।
दरअसल छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच रोहित रंजन को लेकर आपसी झड़प देखने को मिल थी। दोनों राज्यों की पुलिस के बीच रोहित की हिरासत को लेकर झड़प भी हुई थी। रायपुर पुलिस के पास रोहित रंजन के खिलाफ गैर जमानती वारंट है। रोहित रंजन पर आरोप है कि उन्होंने राहुल गांधी को लेकर गलत वीडियो प्रसारित किया था। उदयन देहर का कहना है कि नोएडा पुलिस को बताना चाहिए था कि उन्होंने रोहित रंजन को जमानत पर रिहा कर दिया है।
इस बीच सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन पर जी न्यूज के दो प्रोड्यूसर नरेंद्र सिंह और विकास कुमार झा के खिलाफ 3 जुलाई को शिकायत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इन लोगों के खिलाफ गलत वीडियो प्रसारित करने का आरोप था। जब नोएडा पुलिस की टीम रोहित रंजन के घर पहुंची। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि एफआईआर में रोहित रंजन के नाम का जिक्र नहीं है, इसके बाद भी रोहित रंजन को नोएडा पुलिस ने हिरासत में लिया। यह सब उस समय हुआ जब रायपुर पुलिस पहले से ही उनके घर पर इस मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी।