मानसून सत्र से पहले संसद में एक नया आदेश पारित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि संसद में किसी भी धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्यसभा के महासचिव के ताजा आदेश के अनुसार, संसद सदस्य किसी भी धरने या हड़ताल के लिए इसके परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी के आदेश में कहा गया है, “संसद के सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास, या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं।” अपने आदेश के आखिर में उन्होंने सभी सदस्यों का सहयोग मांगा है।
इस आदेश के बाद कांग्रेस नेता एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश ने राज्यसभा के महासचिव के आदेश पर तंज कसा है। जयराम रमेश ने राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के ताजा आदेश को ट्विटर पर साझा किया और लिखा है, “विश्गुरु का नवीनतम साल्वो, D(h)arna मना है!”
बता दें कि इससे पहले लोकसभा सचिवालय ने बुधवार (13 जुलाई) को संसद के मानसून सत्र से पहले एक पुस्तिका जारी की, जिसमें उन शब्दों को सूचीबद्ध किया गया है जिन्हें अब दोनों सदनों में ‘असंसदीय’ माना जाएगा। बुकलेट के मुताबिक ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’, ‘पाखंड’,’अक्षम’,’शर्मिंदा’, ‘दुर्व्यवहार’, ‘विश्वासघात’, ‘भ्रष्ट’, ‘ड्रामा’ जैसे शब्दों को ‘ लोकसभा और राज्यसभा दोनों में “असंसदीय” माना जाएगा। यानी संसद के दोनों सदनों में इन शब्दों का प्रयोग नहीं करना है।
बुकलेट के निकलते ही कुछ विपक्षी नेताओं ने प्रतिबंधों को बेवजह बताते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया। वहीं कुछ नेताओं ने कहा कि चाहे तो उन्हें निलंबित किया जाए, लेकिन वो इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे।