श्रीलंका में संकट गहरा गया है, इसी बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने भी इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। वह 13 जुलाई को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देंगे।
श्रीलंका संकट की स्थिति पर अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान सामने आया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अधिकारिक बयान जारी देते हुए कहा, ”कांग्रेस इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका और उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है और आशा करती है कि वे इससे उबरने में सक्षम होंगे। हमें उम्मीद है कि भारत श्रीलंका के लोगों और सरकार की सहायता करना जारी रखेगा क्योंकि वे मौजूदा स्थिति से निपटने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।”
बता दें कि गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन में तोड़फोड़ की और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को भागने के लिए मजबूर कर दिया। उनके 13 जुलाई को इस्तीफा देने की उम्मीद है। पड़ोसी देश में हालात बिगड़ने पर सोनिया गांधी ने कहा, ”आर्थिक चुनौतियों, बढ़ती कीमतों और भोजन, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कमी ने वहां के लोगों के बीच भारी कठिनाई और संकट पैदा किया है, ऐसे में भारत को ऐसे में उनका साथ देना चाहिए।
इससे पहले आज, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत श्रीलंका की मदद करने की कोशिश कर रहा है और अभी तक कोई शरणार्थी संकट में नहीं है। उन्होंने कहा, “हम श्रीलंका का समर्थन करते रहे हैं, मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और हमेशा मददगार रहे हैं। वे अपनी समस्या के माध्यम से काम कर रहे हैं, हम देखेंगे कि क्या होता है। अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है।”
बता दें कि प्रदर्शनकारी विपक्ष के साथ मिलकर सरकार बनाने की मांग कर रहे हैं। संकट शुरू होने के बाद से यह उनकी मांग है लेकिन गोटाबाया शीर्ष पद पर बने रहे। जबकि महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया।