कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने संविधान को लेकर BJP-RSS पर बोला हमला !

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान दिवस के मौके पर भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि संविधान अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है।

यही वजह है कि अब भारत एक सहयोगी संघीय राष्ट्र नहीं है। उन्होंने कहा कि जब से यानि कि 2014 से देश में भाजपा की सरकार आई है, तब से आरएसएस ने इसे संविधान में निहित स्वतंत्रता को कम करने के लिए एक राजनीतिक वाहन के रूप में इस्तेमाल किया है।

खड़गे यहीं नहीं रुके, केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अब अवैध कानूनी हो गया है क्योंकि फ्रिंज अब मुख्यधारा बन गया है। हमारे लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण मूर्त भावना को विकृत और अनादर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब इसका प्रयोग विपरीत एजेंडे को आगे बढ़ाने के साधन के रूप में किया जा रहा है।

‘द लूमिंग क्राइसिस ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन’ शीर्षक से अपने बयान में खड़गे ने कहा कि भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने कहा था, “अगर चुने गए लोग चरित्र और अखंडता के सक्षम व्यक्ति हैं, तो उन्हें एक दोषपूर्ण को सर्वश्रेष्ठ बनाने में सक्षम होना चाहिए। वहीं, अगर उनमें कमी है, तो संविधान देश की मदद नहीं कर सकता है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा करते हुए कहा कि एक संविधान जो सात दशकों से अधिक समय तक सफलतापूर्वक समय की कसौटी पर खरा उतरा है, आज एक मौलिक संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा आज वास्तव में इसके पाठ के पीछे की भावना के लिए एक अस्तित्वगत संकट है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज हम उस बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां न केवल लोगों के बीच बल्कि सरकारों और राज्यों के बीच भी असहमति बढ़ती जा रही है। इसके लिए खड़गे ने RSS और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने खुद को और अपनी संस्थाओं को पूरी तरह से आरएसएस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जो समाज सेवा की आड़ में घृणित प्रचार को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में अब आरएसएस और भाजपा को एक दूसरे का सहयोगी कहना गलत नहीं होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की तरफ से बाबा साहब अंबेडकर के सपने को खत्म किया जा रहा है। क्योंकि धीरे-धीरे मौलिक अधिकारों को भाजपा और आरएसएस की तरफ से खत्म किया जा रहा है। उन्होंने अंबेडकर की तरफ से दी गई एक चेतावनी को भी याद किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अंबेडर कहते थे कि “यदि पार्टियां पंथ को देश से ऊपर रखती हैं, तो हमारी स्वतंत्रता दूसरी बार खतरे में पड़ जाएगी और शायद हमेशा के लिए खो जाएगी। ऐसे में हम सभी को मिलकर इसका बचाव करना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नफरत और विभाजन की ताकतों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि “आइए हम भारत को उसके संवैधानिक मूल्यों पर वापस लाने और राष्ट्र को ऐसे समय में बहाल करने का स्वामित्व ले लें। उन्होंने कहा कि नए आधिपत्य को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका वैचारिक और नैतिक ताकत के साथ इसका मुकाबला करना है।”

केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि व्यवस्था के भीतर, सत्ताधारी दल ने विरोध व्यक्त करने के लिए विपक्ष के सभी रास्तों को बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब भी विपक्ष की तरफ से पार्लियामेंट में भाजपा पर सवाल उठाया जाता है, तो माइक को म्यूट कर दिया जाता है। ताकि लोगों तक आवाज न पहुंचे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए राष्ट्रीय एजेंसियों का भी दुरुपयोग किया जा रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से भारत के चुनाव आयोग के कामकाज और स्वतंत्रता को भी खतरे में डाल दिया गया है। धन विधेयक के रूप में लागू चुनावी बांड की अपारदर्शी प्रणाली का लाभ सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से उठाया जा रहा है। इसके अलावा खड़गे ने कानून मंत्री को अड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि कानून मंत्री “आपस में लड़े का कोई फ़ायदा नहीं है” कहकर कार्यकारी और न्यायपालिका को व्याख्यान देते हैं। भाजपा और आरएसएस की तरफ से देश को धार्मिक आधार पर बांटा जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्रों में निगरानी के करके नैतिक निजता को भी खत्म किया जा रहा है।

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