गुजरात चुनाव में कांग्रेस ने वफादारों को तो BJP-AAP ने दलबदलुओं को दिया टिकट !

गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ रहे सियासी दल तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों को छोड़कर अपने साथ आ रहे कई नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए टिकट देकर पुरस्कृत किया है, जबकि कांग्रेस ने मौजूदा विधायकों सहित पार्टी के ‘वफादारों’ को मैदान में उतारने को प्राथमिकता दी है।

बता दें कि, भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने अब तक क्रमश: 160, 89 और 174 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाजपा की 160 उम्मीदवारों की सूची के अनुसार, 2017 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले 20 विधायकों में से सत्तारूढ़ दल ने 9 को मैदान में उतारा है। कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल को भी भाजपा ने टिकट दिया है।

हालांकि, भाजपा ने अभी तक कांग्रेस के पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर और भावेश कटारा के भाग्य का फैसला नहीं किया है क्योंकि उसने अभी तक उन सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम नहीं दिया है, जिनका वे प्रतिनिधित्व करते थे। न केवल वे विधायक जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दिया, बल्कि जिन्होंने 2017 से पहले इस्तीफा दे दिया था, उन्हें भी भाजपा की सूची में जगह मिली है। इनमें से कुछ पूर्व विधायक राघवजी पटेल (जामनगर ग्रामीण) और बलवंतसिंह राजपूत (सिद्धपुर) हैं।

बलवंतसिंह राजपूत ने जुलाई 2017 में राज्यसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। पटेल को राज्यसभा चुनाव में पार्टी के जनादेश के खिलाफ मतदान करने के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में वह हार गए थे, लेकिन जामनगर ग्रामीण सीट से कांग्रेस के तत्कालीन विधायक वल्लभ धाराविया के इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद 2019 का उपचुनाव जीता। हाल के दिनों में कांग्रेस में शामिल हुए प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के किसी भी नेता का नाम अब तक सबसे पुरानी पार्टी द्वारा जारी 89 उम्मीदवारों की सूची में नहीं है।

कांग्रेस के राज्य पार्टी प्रमुख जगदीश ठाकोर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पहली पसंद होंगे। उन्होंने कहा, “हमारी पहली पसंद हमारे कार्यकर्ता हैं। जिन कार्यकर्ताओं ने सत्ताधारी पार्टी से पीड़ित होने के बावजूद कांग्रेस को मजबूत किया है, वे भाजपा को चुनौती देने के लिए पहली पसंद होंगे। यदि कोई अन्य पार्टी का नेता कांग्रेस में शामिल होता है, तो उसे टिकट नहीं दिया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, भले ही कोई नेता कितना भी बड़ा क्यों न हो,”

ठाकोर ने कहा कि 2022 के चुनावों में पूर्व कांग्रेस नेताओं को भाजपा द्वारा मैदान में उतारने में कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने इसे ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनाई है। यहां तक कि भाजपा के अपने कार्यकर्ता भी उन्हें जीतने नहीं देंगे।”

वहीं, ‘आप’ द्वारा घोषित 174 उम्मीदवारों की सूची से पता चलता है कि उसने कांग्रेस, भाजपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी छोड़ने वाले कई उम्मीदवारों को भी चुनाव में शामिल होने के लिए मैदान में उतारा है।

‘आप’ ने मांडवी सीट से कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता कैलाश गढ़वी को मैदान में उतारा है। इसके अलावा ‘आप’ ने सूरत जिले की मजुरा सीट से सूरत के पूर्व भाजपा अध्यक्ष पीवीएस सरमा को भी मैदान में उतारा है। कांग्रेस के पूर्व नेता और 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भरतसिंह वखाला को भी देवगढ़ बरिया से आप का टिकट दिया गया है।

‘आप’ पार्टी ने नर्मदा जिले के पूर्व बीटीपी अध्यक्ष चैतर वसावा को डेडियापाड़ा से भी मैदान में उतारा है। बीटीपी के पूर्व नेता प्रफुल्ल वसावा, जिन्होंने 2017 में नंदोद सीट से चुनाव लड़ा था, वह आप में शामिल हो गए तो उन्‍हें उसी सीट से पार्टी द्वारा आगामी चुनाव के लिए मैदान में उतार दिया गया है।

शुक्रवार को मातर सीट से 2 बार के भाजपा विधायक केसरसिंह वाघेला भी ‘आप’ में शामिल हो गए, हालांकि अभी यह देखना होगा कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलता है या नहीं। वैसे, वाघेला को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था। भाजपा के कुछ पूर्व नेता जो चुनाव के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, उनमें पंचमहल से पूर्व भाजपा सांसद और कई बार के विधायक परबतसिंह चौहान, दभोई सीट से भाजपा के पूर्व विधायक बालकृष्ण पटेल और बयाड के विधायक महेंद्रसिंह वाघेला शामिल हैं, जो पूर्व विधायक के पुत्र हैं।

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