कर्नाटक का विधानसभा चुनाव कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ जीतने में कामयाब हो गई. संघ तथा बीजेपी को इस बात का बिल्कुल भी अनुमान नहीं था कि उनकी कर्नाटक में इतनी बुरी हार होगी. प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों और रोड शो से भी बीजेपी को कर्नाटक में कोई फायदा नहीं मिला और कांग्रेस के सामने बीजेपी को बुरी हार झेलनी पड़ी.
अब कर्नाटक में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होना है. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया में से कोई एक कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाला है. मीडिया में दोनों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत मिली है, जिसमें तमाम कांग्रेस के नेताओं की मेहनत भी शामिल है.
मीडिया में सूत्रों के हवाले से खबर फैलाई जा रही है कि सीबीआई और ईडी के शिकंजे से बचने के लिए या फिर आगे चलकर कोई विवाद जन्म ना ले कॉन्ग्रेस पार्टी इस चीज से बच रही है और इसी कारण डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री शायद ना बनाया जाए.
हालांकि मीडिया में सूत्रों के हवाले से ढाई ढाई साल के फार्मूले को भी तवज्जो मिल रही है और इसको लेकर कहा जा रहा है कि डीके शिवकुमार का कहना है कि अगर ढाई ढाई साल के फार्मूले पर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो सबसे पहले उन्हें मौका मिलना चाहिए.
हालांकि इस तरह के कोई भी बयान डीके शिवकुमार या फिर कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से नहीं दिए गए हैं. मीडिया में इन सारी बातों के कयास लगाए जा रहे हैं.
कांग्रेस में हमेशा देखा गया है कि सभी से राय लेकर मुख्यमंत्री पद का फैसला होता है और कर्नाटक को लेकर भी यही हो रहा है. अभी तक डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया की तरफ से किसी भी तरह का ऐसा बयान नहीं आया है, जिससे ऐसा समझा जाए कि किसी भी तरह की गुटबाजी कर्नाटक कांग्रेस के अंदर है.