
हमारे मोदी जी हमेशा एक ही बात का रोना रोते है कि कांग्रेस ने 60 में क्या किया। आइये हम आपको बताते हैं कि कांग्रेस ने 60 में क्या किया है।
300 साल गुलामी की मार झेल रहा था हमारा भारत सब कुछ लूट कर अंग्रेजों ने देश कांग्रेस के हाथ मे दिया था। देश 1947 में आजाद हुआ तो इस देश में निर्माण के नाम पर सुई तक नहीं बनायीं जाती थी ! देश राजा-रजवाड़ों के झगडे झेल रहा था ! देश में बस गिने चुने गाँव थे जहाँ बिजली उपलब्ध थी !देश का खजाना खाली था और ऐसी बदतर हालत में कांग्रेस ने देश की सत्ता अपने हाथ में ली ! जिस 60 साल का रोना मोदी रोते रहते हैं उन 60 सालों में कांग्रेस ने हिंदुस्तान में विश्व की सबसे ताकत वाली सैन्य शक्ति तैयार की ! हजारों विमान लाखों टैंक और लाखों फैक्ट्रियां तथा लाखों गाँवों तक बिजली पहुंचाई !
इन्हीं 60 सालों में भारत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान बनाया। भारत एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका था ! भारत में भाखड़ा और रिहंद जैसे बाँध बन चुके थे ! देश भामा न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर का उद्घाटन कर चुका था ! देश में तारापुर परमाणु बिज़ली घर शुरू हो चुका था ! देश में कई दर्जन AIIMS, IIT, IIMS और सैकड़ों विश्वविद्यालय खुल चुके थे ! आजादी से पहले भारत मे बहुत कुछ नही था।
पूरे राजस्थान में मात्र 20 महलों में फोन हुआ करता था ! किसी गाँव में नल नही थे और पूरे देश में सिर्फ 10 बाँध थे ! सेना की हालत भी ऐसे थी कि सीमा पर गिने चुने सैनिक थे और बस 4 विमान और 20 टैंक थे ! देश की सीमाओ का हाल ये था कि वो चारों दिशाओ से असुरक्षित और खुली थी ! शिक्षा और डिजिटल इंडियाः स्वतंत्रता के बाद से भारत अपने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार विकास कर रहा है। भारत की वर्तमान साक्षरता दर 74.04% है। स्वतंत्रता के समय यह मात्र 12% थी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% और महिलाओं की साक्षरता दर 65.46% है। इससे हमारे देश में हरित क्रांति आई, जिसके परिणामस्वरूप हमारे खाद्यान्न उत्पाद में चार गुना से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई, हमने अपने दम पर अंतरिक्ष कार्यक्रमों में सफलता अर्जित की, महामरियों का उन्मूलन किया और आईटी क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की।भारतीय इतिहास में महिलाओं की शक्तिः महिला राजनीतिज्ञों की सबसे अधिक संख्या भारत में है और यह दुनिया का ऐसा पहला देश बना जिसकी प्रमुख एक महिला रहीं – श्रीमति इंदिरा गांधी। यहाँ की पंचायतों में सबसे अधिक महिलाएं भी निर्वाचित हुईं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और नेता विपक्ष समेत भारत में महिलाओं ने कई उच्च सरकारी पदों पर काम किया है। पांच प्रमुख राज्यों में महिलाएं मुख्यमंत्री के पद पर अपनी सेवाएं दे चुकीं है। मतदान का अधिकारः भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जिसने अपनी स्वतंत्रता के बाद से ही अपने प्रत्येक व्यस्क नागरिक को मतदान का अधिकार दिया था।
प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष के विविध कार्यक्रमः रक्षा तकनीक और अंतरिक्ष तकनीक पर करीब– करीब शून्य आत्मनिर्भरता के बावजूद, आज हम इस क्षेत्र के सबसे उन्नत राष्ट्रों में से एक हैं। वर्ष 1975 में भारत ने पहले अंतरिक्ष उपग्रह का डिजाइन तैयार किया था। इस उपग्रह का नाम महान भारतीय ज्योतिषाचार्य और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था। इसके अलावा मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाला भारत दुनिया का चौथा देश और अपने पहले ही प्रयास में सफल रहने वाला पहला देश बन चुका है। भारत ने अपने पहले ही प्रयास में चंद्रमा की पड़ताल के लिए भेजे जाने वाले चंद्रयान को लॉन्च करने में सफलता अर्जित की। भारतीय सशस्त्र बलः दुनिया में आज भारत चार बड़ी सैन्य शक्तियों में से एक है और इसके पास दनिया के अत्याधुनिक मिसाइल हैं।
आजादी के साथ-साथ हमारे देश को बंटवारे का दंश भी झेलना पड़ा जिसमें भारत का पूर्वी क्षेत्र का एक हिस्सा पाकिस्तान नाम से एक अलग देश बन गया. आजादी के इस यज्ञ में जिन महापूरुषों ने अपने प्राणों कृी आहुति दी वे इस बंटवारे से दुखी तो निश्चित होते होंगे तथा पुन: जन्म लेकर एक भारत की कल्पना करते होंगे क्योंकि जिस लाहौर की जेल में शहीद-ए-आजम भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे बलिदानियों को फांसी दी गई वह लाहौर अब पाकिस्तान में है। अब इन दोनों देशों को आजाद हुए सात दशक हो चले हैं और भारत विकास के कई पड़ाव पार कर चुका है. इसमें भारत ने बैलगाड़ी से लेकर एयर इंडिया तक का सफर तय किया है. नए नए आविष्कारों और तकनीकी विकास से भारत विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल रहा है. भारत ने अपनी आजादी के उन मूल्यों को संजोये रखा है जिन मूल्यों से इसे स्वतंत्रता प्राप्त हुई है. इसीलिए आजादी का यह पावन दिन हर भारतीय के ह्रदय को राष्ट्र के प्रति अपार प्रेम बलिदान और शौर्यपूर्ण भावनाओं से भर देता है। आजादी के 70 साल बाद भी हमारे देश का नागरिक आजाद नहीं है। देश आजाद हो गया, लेकिन देशवासी अभी भी बेड़ियों के बन्धन में बन्धे हैं। ये बेड़ियां हैं अज्ञानता की, जातिवाद की, धर्म की,आरक्षण की, गरीबी की, सहनशीलता की,मिथ्या अवधारणाओं की आदि आदि। हर काम के एक नियम सिद्धांत और अधिकार अधिमान व्यवस्था होते हैं इन सब बातों के संबंध में जो निर्णय हो वह देश की जनता के स्वीकार्य हो और यह कांग्रेस ने समय समय पर हर समय अपने शासन में करके दिखाया है जिस में ना ही क्रोध था ना जथा ना ही धरम की राजनीति थी ना ही एक दुसरे से नफरत का व्यव्हार था ना ही मंहगाई ना ही विभीन्न तरह का टैक्स जैसे जी एस टी बैंक टैक्स ईत्यादी ना ही जुम्लेबाजी थी लोग संतुष्ट थे पवित्र लोकतंत्र गणतंत्र एकता और अखंड्ता थी यह सब कुछ कांग्रेस ने किया था।
धन्यवाद मेडम ,
यह जानकारी देने के लिए।आप पार्टी के लिए इतना काम कर रही हैं इसके लिए हमें गर्व है। आपने इतनी सारी जानकारी दी कि मेरे ख्याल जो सायद हमारी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को भी मालूम नहीं होगी। ऐसी बातें सुनकर मोदी और भाजपा के खिलाफ लडने की हमें ताकत मिलती हैं।,💪💪💪👈🙏
Thank-you..