शिवसेना ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को लिखा गया पत्र राहुल गांधी के नेतृत्व को समाप्त करने की एक साजिश थी!
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में लिखा है, ये नेता तब कहां थे जब भाजपा राहुल गांधी पर तीखे हमले कर रही थी और उनके कांग्रेस अध्यक्ष पद छोडऩे के बाद इन नेताओं ने पार्टी को सक्रिय करने की चुनौती क्यों नहीं ली!
इसमें लिखा गया है, जब भीतर से ही लोग राहुल गांधी के नेतृत्व को खत्म करने के राष्ट्रीय षड्यंत्र में लिप्त हैं, तो पार्टी को हार मिलना तय है … इन पुराने नेताओं ने राहुल गांधी को आंतरिक रूप से नुकसान पहुंचाया है, ऐसा नुकसान जो भाजपा ने भी उन्हें नहीं पहुंचाया है। शिवसेना ने कहा, उनमें से कोई भी जिला स्तर का नेता भी नहीं है, लेकिन गांधी और नेहरु परिवार के बल पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बने।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने पिछले साल भाजपा से अलग होने के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया था। संपादकीय में लिखा, सभी राज्यों में कांग्रेस के पुराने नेता केवल अपना स्थान बचाये रखने के लिए सक्रियता दिखाते हैं और समयानुसार भाजपा से हाथ मिलाते हैं। वे केवल यही सक्रियता दिखाते हैं। राहुल गांधी और सोनिया गांधी इसके बारे में क्या कर सकते हैं? यह एक एक नया राजनीतिक कोरोना वायरस है।