
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब आगमी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दल अपनी रणनीति बना रहे है ऐसे में पंजाब में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
अकाली दल पंजाब की तरह हरियाणा में भी बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। अकाली दल के इस रुख से बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है. ऐसे में अहम सवाल है कि बीजेपी जिस राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है, क्या वहां अकाली दल के लिए सीटें छोड़ेगी.
शिरोमणि अकाली दल के हरियाणा प्रभारी बलविंदर सिंह भूंदड़ ने एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि अकाली दल हरियाणा में लंबे समय से चुनाव लड़ती रही है. इस बार भी विधानसभा चुनाव में उतरने जा रहे हैं.
बलविंदर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अकाली दल हरियाणा में लड़ने की तैयारी कर रही थी पर तब भरोसा दिलाया गया था कि इस चुनाव में बीजेपी का साथ दें, इसकी एवज में अकाली दल को विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें दी जाएंगी. इसी के चलते लोकसभा में चुनाव नहीं लड़े और बीजेपी को सहयोग किया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अकाली दल अब हरियाणा में अब कम से कम 30 विधानसभा सीटें मांग रही है. हरियाणा की कुरुक्षेत्र, करनाल, सिरसा और अंबाला इलाके में करीब दो दर्जन विधानसभा सीटें सिख बाहुल्य हैं. अकाली इन्हीं सीटों पर दावेदारी कर रही है, लेकिन बीजेपी इतनी सीटों की डिमांड मानें यह मुश्किल है। माना जा रहा है कि बीजेपी ज्यादा से ज्यादा 5 से 7 सीटें अकाली दल के लिए छोड़ सकती है.