गांधी परिवार का गढ़ और कांग्रेस का अभेद्य किला कहा जाने वाला अमेठी इस बार कांग्रेस के हाथ से फिसल गई क्योंकि केंद्रीय स्मृति ईरानी ने यहां जीत दर्ज कर लिया मगर कांग्रेस इस हार के दर्द से अब तक नही उभर पाई है क्योंकि यहाँ से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पहली बार हार का सामना करना पड़ा।
राहुल गांधी की अमेठी संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में हार अब तक पार्टी हाईकमान को चुभ रही है। एक दिवसीय दौरे पर मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भुएमऊ गेस्ट हाउस में पार्टी पदाधिकारियों से मिलकर अमेठी में भाई राहुल की हार की वजह जानी। उन्होंने पदाधिकारियों से एक-एक करके हार के कारण पूछे, वहीं अमेठी में पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने को लेकर सलाह-मशविरा किया। पदाधिकारियों ने यह कहते हुए प्रियंका को अचरज में डाल दिया कि पार्टी के ही कुछ लोगों ने मेहनत नहीं की। बीजेपी वाले हम पर हावी रहे। खूब पैसा चला। इसलिए हम चुनाव हार गये। प्रियंका ने पदाधिकारियों को साहस बंधाया और कहा कि आप सब संगठन को मजबूत करें अमेठी में हम फिर भारी मतों से चुनाव जीतेंगे।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भाई राहुल की हार की वजह जानने के लिए अमेठी से आठ कांग्रेस पदाधिकारियों को भुएमऊ गेस्ट बुलाया था। गौरीगंज विधानसभा अध्यक्ष हनुमंत विश्वकर्मा, अमेठी विधानसभा अध्यक्ष भोला वर्मा, मुसाफिरखाना ब्लॉक अध्यक्ष विकास यादव की अगुवाई में आठ पदाधिकारी पहुंचे।
प्रियंका ने हार की वजह पूछी तो गौरीगंज विधानसभा अध्यक्ष हनुमंत विश्वकर्मा ने बताया कि जिस हिसाब से चुनाव लड़ना था, उस हिसाब से संगठन ने चुनाव नहीं लड़ा। संगठन के ही कुछ पदाधिकारियों ने मेहनत नहीं की। केंद्र और राज्य सरकार में सरकार होने की वजह से बीजेपी को फायदा मिला। बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए पैसा भी खूब खर्च किया।
पदाधिकारियों ने बताया कि सत्ता के दम पर हम सबको धमकाया गया। जिन कोटेदारों व प्रधानों ने साथ न देने की बात कही, उन्हें भी धमकी मिली। चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा बीजेपी ने अपनाया। प्रियंका ने पदाधिकारियों की बात सुनी और नए सिरे से संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आप सब जैसा चाहेंगे, उसी तरह संगठन को ताकतवर बनाया जाएगा। हम फिर अमेठी में विजय पताका फहराएंगे। गौरीगंज विधानसभा अध्यक्ष हनुमंत विश्वकर्मा ने बताया कि हम सब ने प्रियंका को चुनाव के हार की वजह बताई। उन्होंने नये सिरे से काम करने को कहा है।
अमेठी से आए पदाधिकारियों ने प्रियंका को बताया कि राहुल भइया को चार लाख 13 हजार वोट मिले। हमने चुनाव में भरपूर मेहनत की। उन्होंने बताया कि बसपा प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं था। बीजेपी ने बसपा के वोट खरीद लिए। हम जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करेंगे और फिर राहुल भइया को चुनाव जिताएंगे।
भुएमऊ गेस्टहाउस के बाहर अमर उजाला से बातचीत में पदाधिकारियों ने बताया कि प्रियंका ने उनकी हर बात सुनी और उस पर अमल का भरोसा दिया। प्रियंका ने जल्द क्षेत्र में आकर संगठन के लोगों से मिलने की बात भी कही। प्रियंका ने कहा कि हम क्षेत्रवार संगठन को मजबूत बनाने का काम करेंगे।
मतलब साफ है प्रियंका इस हार का बदला 2022 के विधानसभा चुनाव में लेने के साथ साथ 2024 मे सीट वापस छिनने के लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है।