पिछले काफी समय से शांत बैठे अपने स्वास्थ्य सेहत का हवाला देने वाले अन्ना हजारे की नींद खुल चुकी है उन्होने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए हो नरेंद्र मोदी की सरकार को जनविरोधी करार दिया है लेकिन अन्ना के इस बयान के बाद मीडिया खास महत्व देती नजर नही आ रही हैं
अन्ना हजारे ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग आरटीआई कानून की शुचिता की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं. हजारे के आंदोलन के चलते महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र सूचना का अधिकार कानून बनाया था जिसे सूचना के अधिकार कानून 2005 का आधार माना जाता है.
लोकसभा द्वारा सूचना के अधिकार कानून में संशोधन पारित करने के एक दिन बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर इस कदम के जरिये भारतीय नागरिकों से धोखा करने का आरोप लगाया. सोमवार को लोकसभा ने आरटीआई कानून में संशोधन किया जिसके तहत इस विधेयक में उपबंध किया गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा के अन्य निबंधन और शर्ते केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे.
अन्ना हजारे ने कहा, ”भारत को आरटीआई कानून 2005 में मिला था लेकिन आरटीआई कानून में इस संशोधन से सरकार इस देश के लोगों के साथ धोखा कर रही है.” 82 साल के हजारे ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग आरटीआई कानून की शुचिता की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं.
अन्ना हजारे अहमदनगर जिला स्थित अपने गांव रालेगांव सिद्धि में बोल रहे थे. हजारे के आंदोलन के चलते महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र सूचना का अधिकार कानून बनाया था जिसे सूचना के अधिकार कानून 2005 का आधार माना जाता है.
सोशल मीडिया पर अन्ना हजारे के इस बयान के बाद कुंभकर्ण की नींद से जागे जैसे व्यंग्य कसे जा रहे है, आपको बता दे कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी संवैधानिक संस्थाओ पर हथौडा मार रही है जो आमजनहित में अधिकार थे उन्हें कमजोर करने की लगातार कोशिश हो रही हैं