
लोकसभा चुनाव में भले ही भारतीय जनता पार्टी ने विशाल जीत दर्ज कर फिर से एक बार केंद्र में मजबूत सरकार बना ली हो परंतु प्रदेश स्तर पर भारतीय जनता पार्टी लगातार कमजोर होते हुए नजर आ रही है।
हालात यह बन गए हैं कि जिस भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था और 2014 के बाद हुए विधानसभा चुनाव में एक के बाद एक राज्यों में कांग्रेस को पटखनी देते हुए कांग्रेस की कमर तोड़ दी थी वही भारतीय जनता पार्टी आज कई राज्यों के सत्ता से बेदखल हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी के पास अब बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के अलावा सिर्फ एक कर्नाटक गया है। पिछले डेढ़ दो वर्षों में कई राज्य भाजपा मुक्त हो गए जैसे – मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब।
बीजेपी ने कांग्रेस पर कई तरफ का अरु लगाकर सत्ता तो हासिल कर लिया मगर भाजपा को सत्ता की चर्बी इस तरह से चढ़ने लगी कि नेताओं का पैसे कमाने का लालच बढ़ता गया, धीरे धीरे भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी बढ़ती चली गई जिससे जनता भाजपा के शासन से ऊब गई।
उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी बड़े राज्य भाजपा के हाथों से जा चुके हैं, महाराष्ट्र भाजपा के हाथों में था लेकिन अब वह भी भाजपा से दूर हो रहा है और शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।
बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश और कर्णाटक ही भाजपा के हाथों में है, कर्णाटक में जोड़- तोड़ करके सरकार बनाई है। महाराष्ट्र में भले ही शिवसेना का मुख्यमंत्री बने लेकिन सत्ता की चाबी कांग्रेस के पास ही रहेगी इसलिए कांग्रेस दिनों दिन मजबूत हो रही है जबकि भाजपा कमजोर हो रही है।
कहने का मतलब ये है की कांग्रेस मुक्त भारत बनाना आसान नहीं है।
हरियाणा में भी बहुमत की भाजपा सरकार थी लेकिन यहाँ के भाजपा नेता भी इतना लूट और भ्रष्टाचर शुरू कर दिए कि जनता ने इन्हें सत्ता से उखाड़ फेंका, अब जजपा के साथ गठबंधन करके भाजपा ने फिर से सरकार बनाई है लेकिन ये सरकार कितना दिन चलेगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
आगर बात pm मोदी के गृह राज्य गुजरात की करें तो बीजेपी विधानसभा चुनाव में वहां भी कमजोर हुई है। जिस कारण कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वाली बीजेपी के लिए लगातार मुश्किल बढ़ रहा है।