देश की बदहाल होती अर्थव्यवस्था और वेवजह के मुद्दों में जनता को उलझाती सरकार

देश मे बढ़ती आर्थिक मंदी देश के अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही है जिस कारण देश के लोगो की चिंता बढ़ती जा रही है। मोदी सरकार भले ही दूसरा कार्यकाल के लिए जनता का भरोसा हासिल कर ली हो मगर कमजोर होती अर्थव्यवस्था उनके लिए खतरा की घण्टी है।

पिछले साढे पांच साल से नरेंद्र मोदी देश की सत्ता पर काबिज है उन्हें लगातार दूसरी बार जनता ने प्रधानमंत्री के रुप में स्वीकार किया हैं लेकिन वो आर्थिक क्षेत्र मे एक विफल प्रधानमंत्री साबित हुए है पहले उन्होने नोटबंदी फिर जीएसटी के माध्यम से जिस प्रकार से आम जनता की कमर तोडने का काम किया था वो बेहद अप्रिय था

व्यापारी जगत मे यही चर्चा है कि इतना भयावह हालात कैसै है? हर जगह मंदी देखी जा रही है लोगो का रोजगार छीना जा रहा है पढे लिखे युवा रोजगार की राह देख रहे है नौकरियो का इंतज़ार कर रहे है लेकिन सरकार आर्थिक और रोजगार के क्षेत्र मे नाकारा साबित हो चुकी है। सोशल मीडिया पर सरकार पर अनेक प्रकार से तंज कसे जा रहे है आपको बता दे कि मोदी सरकार ने रोजगार तथा अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के वादे ” के साथ आमजनता से वोट मांगे थे जो वादा अभी पूरा होता नजर नही आ रहा है

सोशल मीडिया पर अनेक युवा सरकार से रोज़गार के मुद्दे पर सवाल कर रहे है कोई मनमोहन सिंह को मोदी से बेहतर प्रधानमंत्री बता रहे है लेकिन कुछ युवा इसे राष्ट्रवाद की आड मे नाकामी को छिपाने का काम बता रही है। एक युवा फेसबुक पर लिखते है ” गयी नौकरी, छूटा काम, जोर से बोलिये जय श्री राम ” मतलब साफ है इस सरकार ने आमजनता को धार्मिक मुद्दे पर उलझा कर आर्थिक स्थिति को तहस नहस करने का काम किया जिससे आने वाली युवा पीढी हताश महसूस कर रही है।

कांग्रेस नेता सिंघवी ने प्रेस वार्ता करके कहा था कि वित्त आयोग ने माना है कि सीएजी ने 2017-2018 के लिए राजकोषीय घाटे को पुनर्गठित किया है और यह 5.8% है, जबकि सरकार ने इसे 3.46% बताया है।

इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘सरकार हमारी जीडीपी को दोहरे अंक में बनाने का दावा करती है जबकि साल 2019 में जनवरी से मार्च के दौरान वास्तविक आंकड़े 5.8% थे, जो पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में सबसे कम थे। मौजूदा समय में कोई भी इस बात का दावा नहीं कर सकता कि हमारी जीडीपी के आंकड़े वर्तमान में 6.5% से अधिक हैं।’

बता दें कि आर्थिक मंदी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है। ऑटो सेक्टर की बात की जाए तो मारुती, टाटा मोटर्स और हुंडई समेत कई ऑटोमोबाइल कंपनियों में इन दिनों जबरदस्त ब्लॉक क्लोजर चल रहा है यानि कंपनी में प्रोडक्शन रुका हुआ है। जिसके चलते हज़ारों युवाओं की नौकरियां जा चुकी हैं और न जाने कितनों की नौकरियां खतरे में पड़ी हुई हैं। झारखंड में टाटा मोटर्स को पार्ट्स सप्लाई करने वाली हजारो छोटी-छोटी कंपनिया आर्थिक मंदी की वजह से बंद हो चुकी हैं।

देश मे लगातार बढ़ती बेरोजगारी और कारोबारी द्वारा लगातार हो रही छंटनी से देश भर में निराशा है पर सरकार इसके जगह ऐसे मुद्दों में उलझी हुई जिससे लोगो की नजर देश की बदहाल होती अर्थव्यवस्था पर ना जाए।

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