
उत्तराखंड में भाजपा को आने वाले समय में बड़ा झटका लगने की आशंका जताई जा रही है। पूर्व केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री सेवानिवृत मेजर जनरल बीसी खंडूरी के कांग्रेस से संपर्क में होने और उसका हाथ थामने की चर्चा लगातार बढ़ रही है।
इन आशंकाओं को उन्होंने स्वयं भी बढ़ाते हुए कहा है कि वह अप्रैल के पहले सप्ताह में अपने बेटे और कांग्रेस के पौढ़ी से उम्मीदवर मनीष खंडूरी की जनसभा में जा सकते हैं।
बीसी खंडूरी भाजपा के पांच बार के सांसद रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उनकी ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग और खासकर स्वर्ण चतुर्भुज राजमार्ग के निर्माण के लिए उन्हें याद किया जाता है।
पौढ़ी से कांग्रेस उम्मीदवार बनाए गए मनीष खंडूरी पूर्व में पत्रकार रह चुके हैं और अमेरिका में पदस्थ थे। वहां से वह फेसबुक चले गए। इस बार अपने बड़े नेताओं को दरकिनार करते हुए कांग्रेस ने उन पर दांव लगाया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि उनके समर्थन में देर-सवेर उनके पिता जरूर आएंगे।
इसकी वजह यह थी कि भाजपा ने पहले ही यह ऐलान कर दिया था कि वह 75 की उम्र पार करने वाले नेताओं को टिकट नहीं देगी।
इस दायरे में बीसी खंडूरी भी थे। जब उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। बीसी खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी भूषण इस समय भाजपा से यंकेश्वर से विधायक है। हालांकि यह फिलहाल तय नहीं है कि वह अपने भाई के समर्थन में प्रचार करेंगी। भाजपा को उम्मीद है कि वह पार्टी के साथ रहेंगी