बिहार में पार्टी संगठन में बदलाव की चर्चा के बीच बिहार के कांग्रेस नेताओं और विधायकों ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की
पिछले साल के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस राज्य में नेतृत्व में बदलाव पर विचार कर रही है। राज्य में कांग्रेस का नेतृत्व मदन मोहन झा कर रहे हैं और राजद के साथ गठबंधन और 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद, पार्टी राज्य में 20 की संख्या को पार नहीं कर सकी।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार ने कहा, “बैठक इस बात पर चर्चा करने के लिए है कि राज्य में पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए।”
बिहार में कांग्रेस के कई नेता शीर्ष पद के लिए मैदान में हैं, लेकिन पार्टी अनुसूचित जाति से किसी को नियुक्त करने पर विचार कर रही है।
लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस सिर्फ एक किशनगंज सीट ही जीत सकी थी।
बहरहाल, राहुल गांधी से जब कांग्रेस के नेताओं की मुलाकात हुई तो उनका विधायकों, विधान पार्षदों और नेताओं से यही सवाल था कि आखिरकार बिहार में पार्टी इतनी कमजोर क्यों है?
संगठन को लेकर राहुल ने नेताओं से काफी देर तक सलाह मशवरा किया. पहले चरण में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राहुल गांधी से मुलाकात हुई. इसके बाद विधायकों और विधान पार्षदों ने एक साथ अपने नेता से मुलाकात की. इसमें बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष भी मौजूद रहे.
ऐसे बिहार के नेताओं से राहुल गांधी ने की मुलाकात
पहले चरण में राहुल गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उनसे संगठन को मजबूत करने के बारे में व्यापक चर्चा की. जबकि दूसरे चरण में सांसदों, विधायक और विधान पार्षदों ने भी राहुल गांधी से मुलाकात की. इस बैठक की खास विशेषता यह रही कि राहुल गांधी ने सामूहिक बात करने की बजाय एक-एक करके विधायकों और विधान पार्षदों की बात ध्यान से सुनी. बिहार में कांग्रेस को कैसे मजबूती दी जाए, इस बात को लेकर राहुल गांधी सबसे ज्यादा चिंतित रहे. उन्होंने पार्टी नेताओं को समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर पार्टी से जोड़ने की नसीहत दी है. पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी को बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत कराते हुए जाति, धर्म, सोशल इंजीनियरिंग समेत तमाम चीजों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को कहा कि जिस तरीके से मौजूदा परिस्थिति में बीजेपी का ग्राफ गिरा है वैसे में कांग्रेस को अगले 8 से 10 महीने में बिहार में मजबूत स्थिति में लाया जा सकता है. बिहार के नेताओं ने अपने नेता को भरोसा दिलाया की विस्तृत रणनीति बनाकर पार्टी के सभी नेता गांव और पंचायतों का दौरा करेंगे. पार्टी के कई नेताओं ने अपने नेता से संवादहीनता की खास तौर पर चर्चा की और कहा कि इस कारण भी प्रदेश में पार्टी की हालत अच्छी नहीं है. राहुल गांधी ने संवादहीनता को समाप्त करने का आश्वासन दिया और भरोसा दिलाया कि हर 3 महीने में पार्टी नेताओं से वे मुलाकात करेंगे. यही नहीं, पार्टी की नजर 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव पर है.