
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद विपक्षी दलों में उथलपुथल मची हुई है। बिहार में 40 में सिर्फ 1 सीट जितने के बाद से ही लगातार महागठबंधन में खींचतान जारी है। कांग्रेस अब बिहार में खुद मजबूत करने के विकल्पों को देख रही है।
लोकसभा में गठबंधन में लड़ने के बाद भी सिर्फ 1 सीट जितने के बाद कांग्रेस अब विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है इसी कारण से कांग्रेस अब राजद से अलग नीतीश सरकार का विरोध कर रहे है।
इन सब के बीच भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बड़ा बयान दे दिया है. अजीत शर्मा ने कहा कि हम बिहार में अकेले अपने पैर पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं. इसको लेकर मंथन जारी है.

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार कांग्रेस में आगे क्या होगा. यह आलाकमान तय करेगी। साथ ही शर्मा ने राहुल गांधी के इस्तीफे पर कहा कि राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। इस निर्णय से उनका कद और बढ़ा है. लेकिन मैं चाहता हूँ कि वे फिर से पार्टी का कमान संभाले।
अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार में सिर्फ कांग्रेस की हार नहीं हुई है. महागठबंधन में शामिल पार्टियों को भी नैतिकता के बारे में सोचना चाहिए. खैर अन्य पार्टियों के बारे में मैं कुछ नहीं बोलूँगा.
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस ने तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस विधायक राजेश कुमार ने कहा है कि महागठबंधन की मजबूती के लिए नेतृत्व में बदलाव जरूरी है और तेजस्वी को राहुल गांधी का अनुसरण करना चाहिए।
लगातार राजद के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के बाद भी कांग्रेस बिहार में जनाधार बढ़ाने में नाकामयाब साबित हुई है ऐसे में यूपी के तर्ज पर बिहार में भी कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने के विकल्पों पर मंथन कर रही है।
अब सवाल है कि क्या 1990 से पहले बिहार में एकक्षत्र राज करने वाली कांग्रेस जब अब बिहार में अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है तो क्या वो अकेले लड़कर पुनः खुद को स्थापित कर पाएगी।