सोनिया गांधी के जन्मदिन पर विशेष : जानिए क्या था सोनिया के बचपन का नाम , कब हुई थी राजीव गांधी से मुलाकात

भारत के प्रभावशाली राजनीतिक घराने की बहू सोनिया गांधी 9 दिसंबर (सोमवार) को 73 वर्ष की हो जएंगी। 9 दिसंबर 1946 को इटली के ‘लुसियाना’ में ‘मैनो’ परिवार में जन्मी सोनिया गांधी ने इस बार अपने जन्मदिन को नहीं मनाने का फैसला लिया है।

सोनिया गांधी का जन्म इटली के ‘लुसियाना’ में 9 दिसंबर 1946 को ‘मैनो’ परिवार में हुआ था। ‘मैनो’ परिवार की परंपरा के मुताबिक सोनिया गांधी के जन्म के मौके पर घरों में गुलाबी रिबन बांधे गए। चर्च में सोनिया का नाम ‘एडविजे एनटोनिया अलबिना मैनो’ रखा गया, लेकिन उनके पिता ‘स्टीफैनो’ उन्हें सोनिया कहकर बुलाते थे।

साल 1965 में सोनिया गांधी अंग्रेज़ी, फ्रेंच व रूसी भाषा सिखने के लिए ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहीं थीं। राजीव गांधी भी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए पहुंचे हुए थे। उस समय राजीव गांधी टीएन कौल के बेटे दीप कौल के साथ अपार्टमेट शेयर करते थे।

टीएन कौल पूर्व राजनयिक थे। वहीं सोनिया गांधी भी एक पेइंग गेस्ट में रहती थी। एक रोज सोनिया गांधी का इटालियन फूड खाने का मन किया। इसके बाद वह इटालियन फूड खाने के लिए रेस्त्रां की तलाश में निकल पड़ी। सोनिया गांधी रेस्त्रां की तालश करते करते ‘ग्रीक रेस्त्रां’ पहुंची। उस दौरान राजीव गांधी भी लंच के लिए ‘ग्रीक रेस्त्रां’ में पहुंचे हुए थे। राजीव गांधी के एक दोस्त ने सोनिया गांधी से उनका परिचय कराया।

जब राजीव गांधी ने सोनिया गांधी को देख तो वह पहली नजर में उन्हें दिल दे बैठे। यानी राजीव गांधी को लव एट फर्स्ट साइट हो गया था। बताया जाता है कि ‘ग्रीक रेस्त्रां’ में राजीव गांधी ने अपने दोस्त चार्ल्स की मदद से एक वाइन की बोतल के साथ, कविता लिखी नैपकिन को सोनिया गांधी तक पहुंचा दिया था।

बस यहीं से दोनों के प्यार की नींव डल गई। लेकिन सोनिया गांधी को कताई जानकारी नहीं थी कि राजीव गांधी भारत के सबसे बड़े राजनीतिक गांधी परिवार से नाता रखते हैं।

सोनिया गांधी और राजीव गांधी का लव अफेयर लगभग तीन साल चला था। उसके बाद सोनिया गांधी भारत आ गई थीं। नई दिल्ली में साल 1968 में राजीव गांधी और सोनिया गांधी की शादी हो गई। राजीव गांधी पायलट थे उनकी दिलचस्पी राजनीति में कतई नहीं थीं।

सोनिया गांधी ने अपनी सांस इंदिरा गांधी के सहयोगी के रूप में भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। सोनिया ने अपने वैवाहिक जीवन का अधिकांश समय अपने परिवार की देखभाल करते हुए बिताया।

लेकिन पहले सास इंदिरा गांधी और फिर पति राजीव गांधी के हत्या के बाद देश और कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए उन्हें राजनीति में आना पड़ा जिसके बाद विदेशी मूल और हिंदी बोलने में समस्या होने की कारण तीखी आलोचना सुनने के बाबजूद सोनिया गांधी ने 3 राज्यो में सिमट चुकी कांग्रेस को पुनः दर्जनों राज्यो के सत्ता में लाते हुए 2 बार लागातर पूनः केंद्र की सत्ता में लाया।

सोनिया गांधी 1998 से 2017 तक लगतार 19 साल कांग्रेस की अध्यक्ष रही और 2019 में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद वो पुनः पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रही हैं।

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