
जब केंद्र की यूपीए सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत देश भर में साक्षरता का प्रसार करने लिये मुहिम शुरु की थी तब किसी ने नही सोचा था कि विकासशील देश हिंदुस्तान में ये मुहिम जमीन पर भी कारगर सिद्घ होगी लेकिन डॉ मनमोहन सिंह के प्रयासो ने ये कर दिखाया था उसके बाद से देश में शैक्षिक क्रांति जैसा माहौल बना था
लेकिन आज फिर से देश में शैक्षिक स्तर पर काम की जरुरत है जो मोदी सरकार नही कर पायी हैं डरावने आंकडे भाजपा शासित झारखंड से आ रहे है झारखंड की भाजपा सरकार के पिछले 5 सालो में गरीबो के लिये चल रहे है 3700 स्कूलो को बंद रघुवर सरकार द्वारा किया जो बीजेपी के लिये कलंक समान है गौरतलब है कि इसके पूर्व में राजस्थान की राजे सरकार के कार्यकाल में भी 12,000 सरकारी विद्यालयो को बंद कर दिया था मतलब साफ है बीजेपी सरकार की नीति हमेशा से शैक्षिक विरोधी रही हैं
झारखंड से ही नीति आयोग की रिपोर्ट मे खुलासा हुआ है कि झारखंड के 76% विद्यालयो में हैडमास्टर नही है वही 100 में से 81 माध्यमिक विद्यालयो में कम्पूटर लैब नही है फिर नरेंद्र मोदी डिजीटल इंडिया की बात कैसे करते है?
कहते हैं कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिये शैक्षिक प्रगति का होना अनिवार्य है लेकिन बीजेपी शासित राज्यो में ऐसा मुमकिन नजर नही आ रहा हैं