
झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी दुखद रहा क्योंकि अब की बार 65 पार का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी महज 26 सीटों पर सिमट गई। सिर्फ 6 महीना पहले लोकसभा चुनाव में 14 में से 12 सीट जीतने वाले भारतीय जनता पार्टी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उसे 26 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा।
लोकसभा चुनाव परिणाम से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने 81 विधानसभा सीटों वाली झारखंड में अबकी बार 65 पार नारा के साथ अपने चुनाव प्रचार का आगाज किया और इस प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे तमाम दिग्गज नेताओं के साथ-साथ कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमकर पसीना बहाया लेकिन इन सबकी मेहनत ने भी बीजेपी के इस करारी हार को नही टाल पाया।
फिलिपिनो में 81 में से 37 सीट लेकर आजसू के साथ गठबंधन की सरकार चलाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से पिछले 5 सालों में एक के बाद एक विपक्षी नेताओं को पार्टी में शामिल किया था उसके बाद झारखंड में विपक्ष विभिन्न लग रहा था मगर चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी के होश उड़ा दिए क्योंकि यह सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की मामूली हार्ड नहीं है यहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास और भारतीय जनता पार्टी सरकार के विधानसभा अध्यक्ष सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्री और प्रदेश भाजपा के कई बड़े नाम इस चुनाव में हार गए जिस कारण से भारतीय जनता पार्टी की काफी किरकिरी हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के लिए ये हार और भी करारी इसलिए है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री रघुवर दास को उन्हीं के पार्टी के बागी नेता सरयू राय ने करीब 10000 वोटों से शिकस्त दी।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ को भी हार का सामना करना पड़ा। चक्रधरपुर से बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मण गिलुआ को जेएमएम के सुखराम ओराव ने मात दी है।
यहां तक की झारखंड विधानसभा में स्पीकर रहे दिनेश उराव को भी हार का सामना करना पड़ा है। दिनेश उराव को जेएमएम के उम्मीदवार जिगा सुसारन होरो ने मात दी।
इसके अलावा झारखंड में रघुवर सरकार के कई मंत्रियों को भी इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा जो स्पष्ट बताता है कि जनता का गुस्सा सरकार के खिलाफ कितना अधिक था।
रघुवर सरकार में महिला बाल विकास मंत्री लुईस मरांडी , श्रम, रोजगार और प्रशिक्षण मंत्री रहे राज पलिवार को हार का सामना करना पड़ा।