
प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बड़ा झटका लगा है। नरसिंहगढ़ जिले के तेंदूखेड़ा से बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने मंगलवार (30 अक्टूबर) को पार्टी से किनारा कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। संजय शर्मा समेत सभी नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थामने वाले तेंदूखेड़ा विधायक का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कार्यप्रणाली से मन कुंठित था इसीलिए सही समय देखकर उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है| अब वे कार्यकर्ता की हैसियत से कांग्रेस में काम करेंगे| इंदौर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के सामने कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद संजय शर्मा शाम को राजधानी भोपाल पहुंचे, जहां समर्थकों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और आतिशबाजी की| इस दौरान विधायक ने मीडिया से चर्चा की और बीजेपी छोड़ने के फैसले को लेकर अपनी सफाई दी|
सीएम शिवराज के कारण बीजेपी में मन दुखी था, इसलिए कांग्रेस में आया। वहीं उन्होंने बीजेपी में रहकर क्षेत्र में काम न करा पाने का भी आरोप लगाया| इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा में कई लोग हैं जो अच्छे हैं और हमारे समर्थन में हैं, लेकिन अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर कुछ बोल नहीं पाते| पटवाजी के समय ऐसा नहीं था, हर कार्यकर्ता की बात सुनी जाती थी, लेकिन अब किसी की कोई नहीं सुनता|
दरअसल, नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा से विधायक संजय शर्मा ने मंगलवार सुबह इंदौर में राहुल गांधी के सामने भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया। संजय शर्मा पहले कांग्रेस में ही थे, भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें तेंदूखेड़ा से टिकट मिली थी और जीतने के बाद वे विधायक बने। इनके साथ भाजपा से पूर्व विधायक कमलापत आर्य और व्यापमं घोटाले में आरोपी और डॉ गुलाब सिंह किरार ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली।
गौरतलब है कि कांग्रेस पिछले 15 साल से मप्र में सत्ता से बाहर है। इस बार माना जा रहा है कि प्रदेश में शिवराज सिंह के खिलाफ एक माहौल है। कांग्रेस इसी माहौल का फायदा उठाना चाहती है। राहुल गांधी इस चुनाव प्रचार में पूरी तरह से सक्रिय हैं।