
भाजपा से किनारा करते ही सांसद अशोक दोहरे के सुर बदल गए हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में अच्छे मतों से चुनाव जीतकर सांसद बनने के बावजूद भाजपा में उनकी उपेक्षा हुई। पांच साल तक अपमानित किया गया। ताजा उदाहरण औरैया में हुई डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की जनसभा है, जिसका सारा खर्चा उठाने तथा बैनर व होर्डिंग बनवाने के बावजूद होर्डिंग में उनकी फोटो तक नहीं थी। उन्हें भाजपा से अघोषित तरीके से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उन्होंने कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क किया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले पार्टी में शामिल करने के कुछ ही देर बाद उन्हें इटावा से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
अशोक दोहरे ने कहा कि उन पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए। कार्यक्रमों में न जाने तक के आरोप लगाए गए। कहा कि भाजपा गैर अनुशासित पार्टी है। जब उन्हें भाजपा प्रत्याशी घोषित किया गया था, तब कार्यकर्ताओं ने उनके पुतले फूंके थे। जबकि, कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किए जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिंकदरा, औरैया तथा इटावा में उनका जोरदार स्वागत किया। लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर पूरी तरह आशान्वित अशोक दोहरे ने कहा कि वे जिस दल में रहे वह बहुमत के साथ सत्ता में आया।
बताया 2007 में बसपा में था और चुनाव ही नहीं जीता बल्कि प्रदेश में बसपा की सरकार बनी। वे कैबिनेट मंत्री भी बने। 2014 में भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़कर जीता और केंद्र में भाजपा की बहुमत से सरकार बनी। अब कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं चुनाव ही नहीं जीतेंगे बल्कि केंद्र में कांग्रेस की बहुमत से सरकार बनेगी। चुनाव जीतकर वे क्षेत्र के विकास, आम जनता की सुरक्षा करने और सम्मान दिलाएंगे। उन्होंने मरते दम तक कांग्रेस का हाथ पकड़े रहने की बात कही। साथ ही कहा कि यह अलग बात है कि पार्टी ही उनका साथ छोड़ दे। वार्ता के दौरान शहर अध्यक्ष मो.राशिद खां, जिलाध्यक्ष उदयभान सिंह यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष सूरज सिंह यादव, कोमल सिंह कुशवाहा, अनिल यादव आदि उपस्थित रहे।