अब तक विपक्षी पार्टियों को झटका देकर उनके नेताओं को शामिल कराने वाली भाजपा अब अपने सहयोगियों को भी बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है। यही कारण है कि भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायकों को अपने पाले में शामिल कर लिया है।
अरुणाचल प्रदेश में जदयू ने सात विधानसभा सीट पर चुनाव जीत दर्ज की थी। बिहार के बाद अरुणाचल ही ऐसा राज्य है, जहां पर जेडीयू को चुनावी सफलता मिली थी लेकिन बीजेपी ने इस पर ग्रहण लगा दिया है।
2019 में अरुणाचल में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 7 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 41। 60 सीटों वाली राज्य की विधानसभा में अब बीजेपी के विधायकों की संख्या 48 हो गयी है जबकि जेडीयू के पास सिर्फ़ एक विधायक बचा है। राज्य में कांग्रेस और नेशनल पीपल्स पार्टी के चार-चार विधायक हैं।
विपक्षी दलों की बात करें तो गुजरात में पिछले डेढ़ साल में कांग्रेस के कई विधायक टूटकर बीजेपी में चले गए। मध्य प्रदेश, कर्नाटक (जेडीएस के साथ) में उसकी सरकार चली गई। राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा में भी बीजेपी विपक्षी विधायकों पर डोरे डालते हुए नजर आती है। तेलंगाना, पश्चिम बंगाल में विपक्षी नेताओं को बीजेपी में शामिल करने का काम जोर-शोर से जारी है।
बीजेपी जिस प्रकार से अन्य दलों के नेताओं को अपने में शामिल करा रही है इससे स्पष्ट है कि बीजेपी अब विपक्षी दलों के साथ-साथ अपने सहयोगियों को भी कमजोर करने का काम शुरू कर दी है।