मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर सवाल अभी भी बना हुआ है. जहां एक तरफ कहा जा रहा है कि शिवराज की लाडली बहन योजना इन चुनावों में गेम चेंजर साबित हुई हैं. वहीं दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि सिर्फ मोदी मैजिक के कारण यह जीत मिली है.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने मुख्यमंत्री के रूप में चुनावों के दौरान किसी का नाम प्रस्तावित नहीं किया था, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की शानदार चुनाव परिणाम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नीतियों पर मोहर लगाई है. चौहान समेत कई नेताओं ने दावा किया है कि उनकी लाडली बहन योजना गेम चेंजर साबित हुई है.
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था, इनमें से पांच ने जीत दर्ज की है. जिनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हैं. ऐसे में अब पार्टी के पास मुख्यमंत्री बनने के लिए पर्याप्त और योग्य उम्मीदवार मौजूद है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की गाड़ी को चुनौती मिलने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है.
बताया जा रहा है कि चुनावों से पहले ही भाजपा नेतृत्व ने शिवराज सिंह चौहान का विकल्प खोजना शुरू कर दिया था. शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में मिली जीत के बाद खुलकर तो कुछ कह नहीं पा रहे हैं. वह सिर्फ इतना कह रहे हैं कि वह पार्टी के कार्यकर्ता है और पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी वह उसे निभाएंगे. लेकिन चौहान इतनी आसानी से मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने हाथों से जाते हुए देखते रहेंगे बड़ा सवाल यही है.
नतीजे आने के बाद से ही जिस तरह से शिवराज सिंह चौहान लगातार अलग-अलग जगहों के दौरे कर रहे हैं और बयान बाजी कर रहे हैं, उसे निश्चित तौर पर ऐसा लग रहा है कि अंदरूनी तौर पर दबाव वह मुख्यमंत्री पद के लिए बना रहे हैं. लेकिन क्या केंद्रीय नेतृत्व उनकी बात मानेगा?
शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा पहुंचकर एक बयान दिया है कि वह अपने कार्यकर्ताओं से मिलने आए हैं और लोकसभा 2024 की तैयारी यहीं से शुरू करेंगे. इन सब बयानों से निश्चित तौर पर यह आभास हो रहा है कि वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जाए. अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम का ऐलान होता है या फिर कोई नया चेहरा मध्य प्रदेश को मिलता है.