दिल्ली पुलिस ने मंगलवार तड़के कई पत्रकारों (Abhisar Sharma And Other) के घरों पर छापे मारे. रिपोर्ट के अनुसार यह कार्यवाही न्यूज क्लिक (News Click) से जुड़े पत्रकारों के घर पर हुई. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा समाचार पोर्टल के खिलाफ सख्त गैर कानूनी गतिविधियां अधिनियम UAPA के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया है.
चीन से धन प्राप्त करने के आरोपी के बीच यह दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में है. 30 से अधिक जगहों पर ऐसी कार्यवाही हुई. पत्रकार अभिसार शर्मा और भाषा सिंह ने अपने-अपने घरों पर दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की पुष्टि की थी.
हाल ही में कई रिपोर्टें आई थी जिसमें यह दावा किया गया था की न्यूज़ पोर्टल को चीन से फंडिंग मिलती है. हालांकि अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन जिस तरह न्यूज़ पोर्टल से जुड़े पत्रकारों के घर पर छापे मारे गए हैं उसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें हो रही है. कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं और इसको स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस कार्रवाई का समर्थन भी कर रहे हैं.
कुछ लोगों का मानना है कि वह आवाज़ें जो अभी भी अपने यूट्यूब चैनलों के माध्यम से या फिर अपने न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से सरकार से सवाल पूछ रही है, जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर आवाज उठा रही हैं, उन आवाजों को कहीं ना कहीं दबाने की कोशिश हो रही है. अभिसार शर्मा जैसे पत्रकारों को निशाने पर इसीलिए लिया जा रहा है ताकि इन्हें डराया धमकाया जा सके.
इसके ठीक विपरीत कुछ लोगों का मानना है कि यह पत्रकारिता पर हमला बिल्कुल भी नहीं है. क्योंकि पिछले दिनों विपक्ष के गठबंधन द्वारा कुछ पत्रकारों के बहिष्कार की बात की गई थी उस वक्त अभिसार शर्मा तथा इनके जैसे तमाम पत्रकारों ने उस बहिष्कार का समर्थन किया था श, इसलिए पूछताछ का समर्थन कर रहे हैं लोगों का कहना है कि जब विपक्ष ने बहिष्कार किया उस वक्त वह पत्रकारिता पर हमला नहीं था तो फिर फंडिंग की जांच के लिए पूछताछ हो रही है इसको पत्रकारिता पर हमले से क्यों जोड़ा जा रहा है या फिर लोकतंत्र से क्यों जोड़ा जा रहा है?
हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि अगर आरोप लगे हैं तो बिल्कुल जांच होनी चाहिए, पूछताछ होनी चाहिए. लेकिन न्यूज क्लिक के मालिकों से पूछताछ होनी चाहिए ना कि उससे जुड़े हुए पत्रकारों से पूछताछ होनी चाहिए.
वही जिन जिन एंकरों और पत्रकारों को सरकार समर्थक माना जाता है उन एंकरों और पत्रकारों ने अभिसार शर्मा तथा अन्य पत्रकारों से पूछताछ का समर्थन किया है. सोशल मीडिया के जरिए कहीं ना कहीं वह यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि अभिसार शर्मा तथा बाकी लोगों ने चीन से फंडिंग लेकर सरकार का विरोध किया है.
इनका कहना है कि मोदी विरोध तक तो ठीक है लेकिन मोदी का विरोध करते-करते अभिसार शर्मा जैसे पत्रकार देश का विरोध कर रहे हैं? अभी किसी तरह की जांच पूरी हुई नहीं है. पुलिस की तरफ से अभिसार शर्मा तथा बाकी के पत्रकारों को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है. लेकिन सरकार का समर्थन करने वाले एंकर और पत्रकार सरकार के समर्थकों और कार्यकर्ताओं को यह बताने की कोशिश सोशल मीडिया के जरिए कर रहे हैं कि अभिसार शर्मा तथा बाकी लोगों ने चीन से फंडिंग ली है.