CBI की आपसी लड़ाई में हुआ भगौड़े माल्या को फायदा

UK की अदालत ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ दायर किए गए सीबीआई के मुकदमे को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सीबीआई के कमजोर दस्तावेज और लचर पैरवी की वजह से मुकदमे को खारिज किया है।

सीबीआई के आपस की लड़ाई में अब भगौड़े विजय माल्या को फायदा हुआ है। यूके की अदालत ने शराब कारोबारी और भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले माल्या का यूके में चल रहा केस ख़ारिज कर दिया गया है।

कोर्ट ने कहा कि भारत की तरफ से पेश किए गए दस्तावेज में एक भी साक्ष्य नहीं है। ये सिर्फ कागज के टुकड़े हैं। भारतीय वकीलों ने आरोप लगाते हुए जो बातें कहीं हैं वह सिर्फ और सिर्फ कहानी हैं। भारत के द्वारा पेश किए गए दस्तावेज तो इस लायक भी नहीं हैं कि उन पर लिखित फैसला दिया जा सके।

दरअसल भारत से लंदन भागे माल्या को सरकार वापस लाने की कोशिश कर रही थी। इसी मामले पर सीबीआई ने यूके की कोर्ट में माल्या को वापस लाने भारत भेजने की अपील की थी।
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जिसमें कोर्ट ने कहा कि भारतीय वकीलों ने बातें कोर्ट में कहीं है वो सिर्फ और सिर्फ एक कहानी है भारत द्वारा पेश किये दस्तावेज तो इस लायक भी नहीं है कि हम उनपर लिखित फैसला दे सके।

गौरतलब हो कि पिछले दिनों इस बात का खुलासा हुआ था कि विजय माल्या को गिरफ्तार ना करने के लिए सीबीआई ने लिखित में आदेश दिया था। इस मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर प्रमुख जांच एजेंसी (सीबीआई) भी संदेह के घेरे में है।

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खुद माल्या ने लंदन में कोर्ट के बाहर माल्या ने कहा था कि वो भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे और अपने जाने के बारे में उन्हें सूचित भी किया था। इसके बाद से वित्त मंत्री पर कई सवाल उठे हैं।

पूछा जा रहा है कि वित्त मंत्री ने इस बात की सूचना जांच एजेंसी को क्यों नहीं दी। इसके अलावा कई चौंकाने वाले खुलासे भी सामने आए। बता दें कि विजय माल्य पर बैंकों से लिया गया 9 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज़ ना चुकाने का आरोप है। मामले की जांच शुरू होने के बाद माल्या ब्रिटेन चले गए थे। माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन गए थे और तभी से लंदन में रह रहे हैं। भारत सरकार ब्रिटेन से उनके प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी हुई है।

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