चाचा संजय के नक्शेकदम पर चल रहे हैं राहुल गांधी , क्या मिल पाएगी कामयाबी ?

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे चुके राहुल गांधी आजकल अपने ऊपर हुए मानहानि का केस में देश के अलग अलग राज्यो में पेश हो रहे हैं।

पिछले 10 दिनों में वो अलग अलग केसों में देश के 3 प्रमुख राज्य में अपने पेशी के लिए जा चुके हैं।
सबसे पहले 4 जुलाई को महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में पेश हुए थे। यहाँ उन पर आरएसएस के कार्यकर्ता ने केस दर्ज करवाया था।

इसके बाद वो 6 जुलाई पटना के सिविल कोर्ट में पेश हुए। जहां उनके खिलाफ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मुकदमा किया था, जिसमे राहुल पर आरोप है कि उन्होंने कहा था कि देश का हर मोदी चोर है।

और अब 12 जुलाई को गुजरात में अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन कोर्ट में राहुल पेश हुए। यहाँ उन पर नोटबन्दी के दौरान एक टिप्पणी के आधार पर केस दर्ज हुआ है।

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी/आरएसएस के खिलाफ दिए गए राहुल के बयान पर देशभर में लगभग 20 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिसके तारीख आने पर राहुल स्वयं पेश हो रहे हैं।

राहुल गांधी को देश के कोने कोने में पेशी के लिए जाते देख कांग्रेस के दिवंगत नेता और राहुल गांधी के चाचा संजय गांधी की याद ताजा होती है। आपातकाल के समय संजय गांधी पर भी कई केस दर्ज हुए थे जिसमें वो खुद पेशी के लिए देश भर के कोर्टो में गए थे। जब संजय देश भर में पेशी के लिए जा रहे थे तो वो इसे कांग्रेस के लिए मौका में तब्दील कर दिया।

गांधी के करीबी रहे लोग आज भी याद करते हैं कि किस तरह संजय गांधी सड़क मार्ग से तारीख पर जाते थे, ताकि आम लोगों की सिमपैथी मिल सके. संजय ने लोगों के क्रोध को भावनात्मक लगाव में बदल दिया और महज़ 28 महीने में वापस केंद्र में कांग्रेस की सरकर बन गई. जिस आपातकाल के खिलाफ पूरा देश एकजुट था, पूरा विपक्ष एक साथ लामबंद था, संजय गांधी ने उसका तोड़ निकालने के लिए सीधा जनता से संवाद किया. अपने ऊपर लगे आरोपों का अदालत में जाकर सामना किया.

लगता है राहुल गांधी भी अपने चाचा के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला और यही वजह है कि उनके खिलाफ मुकदमे भी देश के हर कोने में हुए। अब देखना होगा कि क्या राहुल भी चाचा संजय के तरह इसे अपने फायदे के लिए बदलने में कामयाब हो पाते हैं या नही।

अब राहुल हर उस अदालत में ख़ुद पेश हो रहे हैं, जहांं अगर वो चाहते तो वक़ील के ज़रिए भी बेल ले सकते थे. राहुल की रणनीति भी अपने चाचा संजय गांधी की तरह है. राहुल जहां भी बेल के लिए जाते हैं, वहां ना सिर्फ़ स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिलते हैं, लोकल ढाबे में खाते हैं और मीडिया से भी बात करते हैं. साथ ही ये भी दोहराते नज़र आते हैं कि भविष्य में दस गुने जोश से बीजेपी-आरएसएस से लड़ते रहेंगे.

ये तो भविष्य ही बताएगा कि राहुल अपने चाचा के तरह अपने ऊपर लगे आरोप को किस तरह अपने लिए मौके में तब्दील कड़ते हैं पर राहुल ने जिस तरह से कहा कि उन्हें इन मुकदमो के माध्यम से आरएसएस और बीजेपी ने वैचारिक लड़ाई का एक मंच दिया है उससे साफ की राहुल अपने चाचा संजय के इस रणनीति से काफी प्रभावित हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here