कांग्रेस के दो युवा नेताओं के सामने बीजेपी और शिवसेना की जोड़ी फेल होती नजर आ रही है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इन दोनों नेताओं का क्षेत्र में जिस तरह का वर्चस्व है उसे देखते हुए बीजेपी और शिवसेना का कोई भी नेता अपने प्रत्याशी के प्रचार के लिए उनके क्षेत्र में नहीं जाना चाह रहा है। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन भले ही बड़े जीत का दावा करते हुए हुंकार भरे मगर लेकिन इन दोनो सीट पर बिना लड़े ही लगभग हथियार डाल दिए हैं।
ये सीटे हैं लातूर रूरल (ग्रामीण) और लातूर सिटी (शहरी), इन दोनों सीटों पर कांग्रेस के पूर्व सीएम दिवंगत विलासराव देशमुख के बेटे धीरज और अमित देशमुख चुनाव कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
39 वर्षीय धीरज जहां लातूर ग्रामीण सीट से अपना राजनीतिक डेब्यू करने जा रहे हैं तो वहीं उनके बड़े भाई और दो बार के विधायक अमित लातूर सिटी से चुनाव लड़ रहे हैं।
धीरज चुनावी भाषणों में अपने हाव-भाल और बोलने के अंदाज की वजह से पहले ही चर्चित हो चुके हैं। युवा कांग्रेस के नेताओं के मुताबित धीरज मराठी, हिंदी और अंग्रेजी तीनों भाषाओं में धाराप्रवाह बोल लेते हैं और इसीलिए मतदाताओं पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं।
लातूर सीट को कांग्रेस के लिए सुरक्षित माना जाता है। 1995 को छोड़कर कांग्रेस ने हर बार यहां जीत हासिल की है। बॉलीवुड स्टार और धीरज के बड़े भाई रितेश देशमुख और भाभी जेनेलिया डिसूजा भी उनके लिए प्रचार कर रहे हैं। लातूर रूरल से धीरज के मुख्य प्रतिद्वंद्वंदी शिवसेना के सचिन देशमुख हैं।
वहीं लातूर सिटी से कांग्रेस के अमित देशमुख के खिलाफ बीजेपी ने शैलेश लाहोटी को उतारा है। लातूर सिटी में कांग्रेस ने दो बार जीत हासिल की है।
रोचक बात ये है कि जहां पूरे महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने अपनी ताकत झोंक रखी है, तो वहीं लातूर में शिवसेना के सचिन ने अब तक ना तो एक भी बड़ी रैली किया और ना ही कोई बड़ा प्रचार किया है। सचिन इससे पहले बीजेपी में थे और हाल ही में वह शिवसेना से जुड़े थे।
विपक्षी द्वारा प्रचार नही किए जाने पड़ धीरज सोशल मीडिया के जरिये पूछ रहे हैं कि क्या शिवसेना बता सकती है कि उसके उम्मीदवार प्रचार क्यों नहीं कर रहे हैं। धीरज अपने प्रचार अभियान में किसानों की आत्महत्या, कर्जमाफी ना होने जैसे मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेर रहे हैं।
जबकि अमित के खिलाफ भी बीजेपी उम्मीदवार या बीजेपी का बड़ा नेता प्रचार करता हुआ नहीं दिख रहा है। अमित अपने सीट से 2 बार विधायक रह चुके हैं।