खरीद फरोख्त से बचने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायको को मध्यप्रदेश और राजस्थान भेजा

महाराष्ट्र में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने अपना रूप दिखाते हुए नैतिकता और अनैतिकता को ताक पर रखते हुए सरकार गठन की और उसके बाद जिस प्रकार की स्थितियां बनी है उससे पूरा देश आश्चर्यचकित है।

भले ही महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बन गई है लेकिन अगला सप्ताह पार्टी के लिए अहम रहेगा। पार्टी को विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा अब शांत बैठने वाली नहीं है। सारी ताकत लगाकर महाराष्ट्र की सरकार को बचाया जाएगा। इस स्थिति में यह हैरानी वाली बात नहीं होगी कि आने वाले दिनों में बीजेपी अपना खेल दिखाते हुए शिवसेना और कांग्रेसी विधायकों को तोड़ने के लिए सारा ताकत लगा दे। ऐसे में कांग्रेस ने सतर्कता दिखाते हुए अपने विधायकों को प्रदेश से बाहर शिफ्ट कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को टूट से बचाने के लिए उन्हें मध्यप्रदेश और राजस्थान भेजने की तैयारी कर रही है। राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार महाराष्ट्र में 288 विधायकों वाले सदन में भारतीय जनता पार्टी के पास अपने 105 विधायक हैं। सरकार नियमित तौर पर चलती रहे, इसके लिए उसे 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। भाजपा दावा कर रही है कि उसके पास पर्याप्त बहुमत है।

एनसीपी के 54 विधायकों में से अधिकांश का समर्थन मिलने की बात भी भाजपा कर रही है। यदि एनसीपी के 10-12 विधायकों को निकाल दें तो भी भाजपा बहुमत जुटा सकती है। भाजपा को अजीत पवार के 35 और करीब 13 निर्दलीय विधायकों का साथ मिल जाए तो सरकार को कोई खतरा नहीं रहेगा। चूंकि यह क्लोज मामला बन जाता है, इसलिए भाजपा शांत बैठने वाली नहीं है। वह सारी ताकत लगाकर फडणवीस सरकार को आगे ले जाएगी।

ऐसे स्थितियों से निपटने के लिए तीनो दल ने अपने अपने विधायको पर कड़ी निगरानी के साथ ऐसे जगह रखा है जहां बीजेपी के नेताओ से किसी भी तरह सम्पर्क ना हो पाए।

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