कांग्रेस , मुसलमान और दुष्प्रचार
वर्तमान में मुस्लिमों के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस पर 2 बातें टारगेट की जा रही हैं!
1 हिंदुओं के लिए = कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है! ये सिर्फ मुस्लिम हितों की हितैषी है!
2. मुसलमानों के लिए = कांग्रेस मुस्लिम विरोधी पार्टी है! ये सिर्फ मुस्लिम वोट लेती है और मुसलमानों का इस्तेमाल करती है!
उपरोक्त दोनों बातें परस्पर विरोधी हैं! कोई सामान्य समझ वाला व्यक्ति भी इतना समझ सकता है कि दोनों में से एक बात पूरी तरह से गलत है!
हालांकि हम दोनों बातों से असहमत हैं
ये दोनों ही बातें भाजपा आईटी सेल द्वारा फैलाई अफवाह हैं!
जिसे हवा देने में ओवैसी, शिवसेना जैसों का बराबर का योगदान रहा है!
कश्मीर , प. बंगाल , उत्तरप्रदेश , बिहार और कर्नाटक
जनसंख्या और आबादी प्रतिशत के हिसाब से ये 5 मुस्लिम बहुल राज्य हैं!
इन राज्यों में कांग्रेस कहां है?
कर्नाटक दक्षिण के अन्य राज्यों की तरह ही बेहतर साक्षरता दर वाला पढ़ा-लिखा राज्य है, साथ ही यहां अभी दलितों-पिछड़ो की राजनीति ने जड़ें नहीं पकड़ी हैं! इसलिए कर्नाटक में कांग्रेस थोड़ी बेहतर स्थिति में है!
बाकी राज्यों में कांग्रेस सिर्फ अतीत में और खानापूर्ति के लिए है!
हिंदू भाइयों यदि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी होती तो मुसलमानों का समर्थन और वोट भी कांग्रेस को जाता!
इन बड़े राज्यों में पिछले 25-30 सालों से कांग्रेस अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है! इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस को मुस्लिम समर्थन और वोट नहीं मिलते! अब जो इन्हें वोट और सपोर्ट नहीं देते, ये उनके हितों के लिए सपोर्टरों के हितों की अनदेखी नहीं कर सकते! इतना मूर्ख कोई नहीं होता!
अपनी आंखें खोल, दिमाग साफ कर के देखो, 3 तलाक बिल कौन लाया? 370, राममंदिर, एक देश एक कानून पर झूठ किसने बोला, धोखा किसने दिया?
मुस्लिम।भाइयों कांग्रेस को मुस्लिम विरोधी कहने, मुसलमानों का इस्तेमाल करने वाली मानने से पहले तुम ये बताओ की तुम कहां पर वोट देते हो कांग्रेस को?
लाखों-करोड़ों की आबादी में कुछ सौ या कुछ हजार वोट मुस्लिमों ने कांग्रेस को दे भी दिया तो क्या इतने से ही वो मुस्लिम वोटों का उपयोग करने, उन्हें इस्तेमाल करने वाली हो गई? आंकड़े गवाह हैं कि पिछले 25-30 सालों से मुस्लिम वोट और सपोर्ट क्षेत्रिय दलों के साथ रहा है या फिर वर्तमान में भाजपा के साथ है!
पहले ये रिवायत, ये आंकड़े बदल कर दिखाओ, फिर कांग्रेस पर इल्ज़ाम लगाना!
प्यारे भारतवासियों धर्म-जाति के नाम पर बंटकर सदियों की गुलामी भुगती है हमने!
क्या हम-आप इतने मूर्ख हैं कि सदियों के दमन से भी कोई सबक न लेकर फिर जाति-धर्म के नाम पर लड़ते रहेंगे?
देश है तो हम हैं, आप हैं! देश है तो धर्म है, जात है!
देश है तो मेल है, विवाद है! देश है तो सब है, वर्ना कुछ नहीं!
जो सरकार मात्र हिंदू हितैषी हो या मात्र मुस्लिम हितैषी, सिर्फ अगड़ों की समर्थक हो या सिर्फ पिछड़ों की, उस सरकार और उसके नेताओं को जड़ से उखाड़ फेंकिए!
राज वही करे जो सिर्फ देश हितैषी हो, सर्वजन सर्वधर्म का समर्थक हो!
आइए मंथन करें फिर भारत_बचाओ