
सागर। 2019 लोकसभा चुनाव के लिए हालांकि दोनों हो पार्टी ने अब तक सागर लोकसभा सीट पर आधिकारिक रूप से उम्मीदवार घोषित नही किये हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ़ से मध्यप्रदेश सरकार में पूर्व में मंत्री रह चुके “प्रभुसिंह ठाकुर” के नाम पर पार्टी ने मानसिक अनुसंशा दे दी है ।
प्रभुसिंह 1993 में बीना विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर राज्यमंत्री (पंचायत एवं ग्रामीण विकास) बने, दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले प्रभुसिंह 2003 में दोबारा बीना सीट पर प्रत्याशी घोषित हुए लेकिन ब्राह्मण-ठाकुर जातिगत समीकरणों के चलते पराजय का सामना करना पड़ा ।
2003 की हार से सीख लेकर एक नई दिशा में आमजन के बीच लगातार बने रहे “प्रभु” आज मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में “महासचिव” हैं और माना जाता है कि कोई भी सभा हो, कोई भी कार्यक्रम की जिम्मेदारी हो “प्रभु हैं न” ।
एक विशाल जनछवि के रूप में उभरे प्रभुसिंह भाजपा के लिए गले की फांसी बने हुए हैं, क्योंकि इस विराट छवि के सामने भाजपा को सारे समीकरण देखते हुए उम्मीदवार घोषित करना है, देखना दिलचस्प होगा कि एक तरफ़ परिवारवाद और जातिवाद से लिप्त सागर भाजपा में एक तरफ़ नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव हैं तो दूसरी ओर पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदारों की लंबी सूची है ।
कयास लगाए जा रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह के खेमे से स्वाति यादव का नाम भाजपा की तरफ से आगे आ रहा है, अंतिम फैसला पार्टी कमान लेगी, लेकिन चेहरा कांग्रेस की तरफ से लगभग तय है और जनता की जानकारी में है, ऐसे में जितनी देरी होगी उतना ही यह चुनाव कांग्रेस के पक्ष में झुकता जा रहा है ।।
प्रशांत पाराशर (युवा, राजनैतिक चिंतक)