कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बाद भाजपा सांसद ने अपना बयान वापस लिया

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा के राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिंह राव द्वारा की गयी एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के सदस्यों ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं राजीव गांधी के बारे में डा. बीआर अंबेडकर एवं सिख विरोधी दंगों पर कड़ा विरोध किया। हालांकि बाद में भाजपा सदस्य द्वारा अपनी टिप्पणी वापस लेने से सदन में अवरोध खत्म हो गया।

राव ने चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि नेहरू ने डा. आंबेडकर के खिलाफ चुनाव में ”प्रचार” किया। उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों की पृष्ठभूमि में राजीव गांधी के बयान का भी जिक्र किया।इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर विरोध वकरना शुरू कर दिया।

कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ा विरोध शुरू किया। कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर मांग की कि भाजपा सदस्यों को अपना बयान वापस लेना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस ने सदैव देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों का नाम सम्मान से लिया है। उन्होंने कहा कि वह सदैव इंदिरा गांधी का उतना ही सम्मान करते हैं जितना की वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का। मौजूदा सरकार में यह चलन बढ़ता ही जा रहा है कि इसके नेता देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं राजीव गांधी के खिलाफ कुछ भी बोल देते हैं। उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में नेहरू का भारी योगदान है।

कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बाद राव ने अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा, ”मैंने कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम लिये थे और मैंने उन्हें अपने शब्दों में विशेष नेता बताया था। मैंने उनका असम्मान करने के लिए कुछ नहीं कहा था और मैंने सार्वजनिक स्तर पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर बयान दिया था।” उन्होंने यह भी कहा, ”मैं एक नया सदस्य हूं…मैं अपना बयान वापस लेना चाहता हूं।” इस बयान के बाद कांग्रेस सदस्य अपने स्थानों पर वापस चले गए।

ये पहला मौक़ा था जब पूर्व Pm के अपमान के बाद कांग्रेस नेताओं ने तुरंत विरोध दर्ज किया।

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