कांग्रेस की बेहतर स्थिति की उम्मीद में कई दिग्गज नेता उसके दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के कई बड़े नेता भी शामिल हैं। कांग्रेस उनकी जीत की संभावनाएं टटाेल रही है।
पूर्व सांसद लवली आनंद शुक्रवार को ही कांग्रेस में शामिल हो रहीं हैं। वे बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपा) के टिकट पर वैशाली से 1993 का उपचुनाव जीत चुकीं हैं। उन्होंने जनता दल की किशोरी सिन्हा को हराया था। किशोरी सिन्हा पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा की धर्मपत्नी और कांग्रेस के पूर्व सांसद निखिल कुमार की मां थीं।
भाजपा के सांसद कीर्ति आजाद अभी पार्टी से निलंबित हैं, उदय सिंह पप्पू ने भाजपा से पहले ही कुट्टी कर ली है। इन दोनों के कांग्रेस में आने की चर्चा है। कीर्ति आजाद दरभंगा से भाजपा के टिकट पर 1999, 2009 और 2014 में चुनाव जीत चुके हैं। चौथी बार सांसद बनने के लिए वे कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाना चाहते हैं।
उदय सिंह पप्पू ने पूर्णिया से 2009 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर जीता, मगर 2014 में वे जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी संतोष कुशवाहा से हार गए। यह सीट के जदयू के हिस्से में जा रही है। इस कारण वे भी कांग्रेस में आने को प्रयासरत बताए जा रहे हैं।
उनके अलावा लोजपा के दो सांसदों-खगडिय़ा से चौधरी महबूब अली कैसर और मुंगेर से वीणा देवी के नामों की भी चर्चा हो रही है। कैसर पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। मुंगेर लोकसभा सीट जदयू के कोटे में जा रही है। मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव भी कांग्रेस से लगातार संपर्क कर रहे हैं। वे 2014 में राजद टिकट पर जीते थे। उन्होेंने बाद में अपनी पार्टी बना ली थी।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि जिन दिग्गजों की चर्चा हो रही है, वे लोकसभा चुनाव में टिकट के भी दावेदार हैं। उन्हें पार्टी की सदस्यता देने का दूसरा अर्थ यह भी है कि उनको टिकट मिलना लगभग पक्का हो गया। पार्टी इस सिलसिले में इन नेताओं द्वारा जनता के लिए किए गए कार्यों एवं इनके जीतने की संभावनाओं का आकलन कर रही है। आकलन का नतीजा इनके पक्ष में आने पर ही इन्हें कांग्रेस में शामिल कराने की औपचारिकता पूरी की जाएगी।