
विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी पार्टी में का!फी उथल-पुथल देखने को मिल रही है, जिसके चलते शनिवार को भी बीजेपी को चित्तौड़गढ़ जिले में एक बड़ा झ’टका लगा। जहां शहर में आयोजित अशोक गहलोत की सभा में बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष भगवती देवी झाला कांग्रेस में शामिल हो गई।
कांग्रेस के स्थानीय प्रत्याशी के समर्थन में शनिवार को शहर के गोराबादल स्टेडियम में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुनावी सभा आयोजित की गई। गहलोत उदयपुर से हवाई मार्ग से पुलिस लाईन स्थित हवाई पट्टी पहुंचे, जहां से सभा स्थल पंहुचने पर चुनावी सभा की शुरूआत की गई।
इस बीच जिले की बड़ीसादड़ी निवासी और बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष भगवती देवी झाला की कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा मंच के माध्यम से हुई। जहां झाला का गहलोत ने दुपट्टा और शोल ओढा कर स्वागत किया गया।
झाला के कांग्रेस में शामिल होने से बीजेपी को निश्चित रूप से बड़ा झ;टका लगा। बता दें कि झाला बीजेपी में काफी लम्बे समय से थीं। लेकिन बीजेपी द्वारा टिकट कटने से आहत झाला शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं। इधर स्टोडियम में आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए गहलोत ने कांग्रेस सरकार द्वारा किये गये कार्यो को जनता के बीच गिनाते हुए बीजेपी के वर्तमान के शासनकाल को कुशा!सन बताया।
सभा से पूर्व गहलोत ने पुलिस लाईन पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस का चारो ओर शानदार माहौल है, बीजेपी के शासन से जनता त्र;स्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में काई किसी से आगे नहीं बढ़ रहा, सबको एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने का आह्वा!न किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर बीजेपी की सही यो!जनाओं को बंद नहीं किया जायेगा।
साथ ही गहलोत ने भामाशाह योजना को भ्रष्टा!चार की योजना बताया। गहलोत से सी पी जोशी के बयान के सवाल पर कहा कि किसी एक व्यक्ति के इस तरह के बयान से पार्टी का पतन नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति नहीं सा!म्प्रदायिकता फैलाने की। वह बीजेपी की तरह नहीं है जिसे चुनाव आते ही राम मंदिर की याद आ जाता है।
बरहाल चुनावी उथल पुथल के बीच चित्तौड़गढ़ जिले में आज एक ऐसा अध्याय पहली बार देखने को मिला जहां एक चुनावी सभा में बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष गहलोत की सभा में पहुंच कर शामिल हो गई, जिससे बाद यही कहा जा सकता है कि यह चुनाव, अनिश्चिताओं से भरे होने के साथ ही दोनों की पार्टीयों के लिए चुनौती भरा भी होने जा रहा है।