कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा समाज के विभिन्न संगठनों और वर्गों से बात करने के दौरान एक सवाल उठ रहा थी कि आखिर प्रधानमंत्री विपक्षी नेताओं से इस मुद्दे पर बात क्यों नहीं कर रहे हैं इन उठते सवालों के बीच कल प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी नेताओं सहित पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधान मंत्रियों से भी बात की।
उन्होंने देश के दो पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों से बातचीत की। इसके अलावा उन्होंने देश की मुख्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से भी बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार प्रधानमंत्री ने सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से बात की। इसके बाद उन्होंने प्रतिभा देवी सिंह पाटिल , पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और एस डी देवेगौड़ा से भी कोरोना वायरस को लेकर चर्चा की।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने विभिन्न राजनीतिक पार्टी के नेताओं को भी फोन किया। जिसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी और उनसे कहा कि यदि उनके पास कोई सुझाव है तो वह उसे उनके साथ साझा करें।