कोरोना वायरस महामारी के शुरुआत से ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर देश मे सबसे पहले ट्वीट कर सरकार को आगाह किया और फिर जब महामारी फैलनी शुरू हुई तो पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस महामारी और सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के कारण हो रही परेशानी में मदद करने का निर्देश दिया।
देखा जाए तो राहुल गांधी इस कोरोनाकाल में सबसे जिम्मेदार विपक्ष नेता के रुप मे सामने आए हैं। वो हर मोर्चे पर जनता के हितों की लडाई सरकार से लड रहे है, राहुल गांधी के निर्देशानुसार यूपी में 80 लाख से अधिक जरुरतमंदो की कांग्रेस ने मदद की तथा हजारो प्रवासी मजदूरो के साथ छात्रों को भी राहुल गांधी ने सुरक्षित उन्हे अपने घर पहुचाया हैं।
सिर्फ यूपी और कांग्रेस शासित राज्यो में ही नही बल्कि राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस की अलग-अलग इकाइयों ने जनता की मदद का बीड़ा उठाया।
एक बार फिर से राहुल गांधी मजदूरो के लिये मसीहा बनकर उभरे है जब राज्य तथा केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया तब राहुल मजदूरो के लिये मसीहा बनकर उभरे हैं।
राहुल गांधी के निर्देश पर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने बिहार के सीतामढी़ जिले के प्रवासी मजदूर के लिए बस की व्यवस्था करवा दी।
राहुल को जब खबर मिली कि सीतामढ़ी के प्रवासी मजदूर दिल्ली में फंसे हुए है तो उन्होंने उनके लिये बस की व्यवस्था की तथा अपनी युवा कांग्रेस टीम को उन तक पहुचाया तथा उन्हे जरुरत की सामग्री देकर बस मे बैठाकर रवाना किया ।
कांग्रेस के तरफ से मिली इस मदद के बाद मजदूरो के चेहरे पर जो खुशी झलक रही थी वो साफ बता रही थी की राहुल ने उनकी तकलीफ को समझकर दूर करने का काम किया है।
प्रवासी मजदूरो ने युवा कांग्रेस की पूरी टीम को धन्यवाद देने के साथ राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद भी दिया।
राहुल के द्वारा प्रवासी मजदूरों को की जा रही मदद को बीजेपी भले ही राजनीतिक स्टंट कहे मगर मजदूर राहुल के इस मदद से काफी खुश हैं।