देश में पिछले कुछ समय से लगातार महिलाओं के खिलाफ हिंसा , बलात्कार और यौन शोषण जैसे अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इसके बावजूद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर ना तो कभी कोई बयान देते हैं और ना ही इसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठा रहे हैं ऐसे में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर करारा हमला करते हुए प्रधानमंत्री के चुप्पी पर सवाल उठाया है और साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के उपाय करने के लिए बने निर्भया निधि को खर्च ना करने का भी आरोप लगाया है
कांग्रेस ने हैदराबाद में पशु चिकित्सक की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर हैरानी जतायी है। कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य अमी याग्निक तथा सुश्री शम्मा मोहम्मद ने सोमवार को यहां संसद भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हैदराबाद की घटना दिल दहलाने वाली है लेकिन मोदी ने इस बारे में अब तक कुछ नहीं बोला है और यह हैरान करने वाली स्थिति है। आश्चर्य इस बात का भी है कि महिला और बाल विकास मंत्री एक महिला हैं लेकिन वह भी इस मुद्दे पर खामोश हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी एक महिला हैं लेकिन इस मामले में उनकी संवेदना भी नहीं जगी और वह भी चुप्पी साधे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार सक्रिय होकर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। सरकार की इसी नीति का परिणाम है कि महिलाओं की सुरक्षा के उपाय करने के लिए गठित निर्भया निधि का पैसा खर्च नहीं हो रहा है और यह निधि बेकार जा रही है। महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार ढीला रवैया अपनाए हुए है और वह इसके लिए आवंटित निधि का इस्तेमाल नहीं कर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि सरकारी आंकड़े के अनुसार 2017 में देश महिलाओं के खिलाफ अपराध के तीन लाख 50 हजार मामले सामने आए हैं। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ की बात करने वाली सरकार महिला सुरक्षा के प्रति असंवेदनशील है और इस दिशा में श्री मोदी में कोई इच्छा शक्ति नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को महिला सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने चाहिए और भयमुक्त वातावरण बनाना चाहिए।
याद रहे कि मोदी जब विपक्ष में थे तो दिल्ली में हुई बहुचर्चित निर्भया कांड पर मोदी ने कांग्रेस को खूब खरी खोटी सुनाया और साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान के अलवर रेप कांड को लेकर भी खूब राजनीति की थी मगर जब बात प्रधानमंत्री के रूप में महिला सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आती है तो मोदी सरकार चुप्पी साध लेती है।