देश के पूर्व PM डॉ मनमोहन सिंह ने राजीव गांधी के 75 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश मे बढ़ती असहिष्णुता को लेकर चिंता व्यकत करते हुए वर्तमान सरकार पर निशाना साधा है।
डॉ. मनमोहन सिंह कहा कि बढ़ती असहिष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और मॉब लिंचिंग की घटनाओं के कारण हमारी राजनीति और समाज को नुकसान हो रहा है. हमें राजीव गांधी के रास्ते पर चलना होगा. वे शांति, एकीकरण और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के पक्षधर थे.
बिना किसी का नाम लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि ‘देश पिछले कुछ सालों में परेशान करने वाले ट्रेंड्स का गवाह बना है. ये हालात बढ़ती असहिष्णुता, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण, किसी विशेष समूह द्वारा किए जाने वाले हिंसक अपराध और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बने हैं।
पूर्व PM डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में शांति, राष्ट्रीय एकीकरण और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने में राजीव गांधी के उल्लेखनीय योगदान का स्मरण करने का वक्त है. आज का समारोह इसी उदेश्य के लिए आयोजित हुआ है. सिंह ने कहा, दो संदर्भों में यह बेहद खास मौका भी है. पहला यह कि हम राजीव जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और दूसरा यह कि पिछले कुछ वर्षों में हमारा देश कुछ चिंताजनक चलन का सामना कर रहा है. इसमें बढ़ती असिहष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, कुछ समूहों द्वारा पैदा की गयी घृणा तथा भीड़ द्वारा कानून अपने हाथ में लेने से जुड़ी हिंसा की बढ़ती घटनाएं हैं. इससे हमारी राजनीतिक व्यवस्था को नुकसान हो सकता है. देश की एकता और अखंडता तथा धार्मिक सौहार्द से जुड़े, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक कथन का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा, हमें राजीव गांधी द्वारा दिखाये रास्ते पर चलना है. राजीव गांधी के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा, राजीव गांधी वह व्यक्ति थे जिन्होंने प्रगतिशील, आधुनिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ देश को एक नयी सहस्राब्दी में ले जाने के लिए दिशा तय की. उन्होंने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने, मिजोरम में दशकों से चली आ रहे उग्रवाद को खत्म करने, चीन के साथ नये सिरे से संवाद की शुरुआत करने, प्रौद्योगिकी मिशन की शुरुआत करने और कई क्षेत्रों में बड़े प्रयास किये. उन्होंने कहा, ये उपलब्धियां राजीव गांधी के दृष्टिकोण और प्रयासों का सीधा परिणाम हैं तथा इनसे हमें विकास के लिए आगे कदम उठाने का मजबूत आधार मिला. यह हमारा प्रयास होगा कि उनके द्वारा शुरू किये गये कार्यों को आगे ले जायें. सिंह ने कहा, अगर राजीव जी हमारे साथ होते तो उन्हें यह देखकर बहुत सहजता का आभास होता कि 21वीं सदी को ध्यान में रखकर दिये गये उनके बहुत सारे विचारों को हमारे विकास की वास्तविकता के तौर पर स्वीकार किया गया. वह सही मायनों में एक दूरदर्शी नेता थे. वह बहुत व्यवहारिक और मेहनती व्यक्ति थे.