पूर्व PM मनमोहन सिंह ने कहा शर्म की बात है कि पढ़े लिखे होने के बावजूद युवाओ को रोजगार नही मिल रहा

देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी बीजेपी सरकार के लिए बडी समस्या बन गई है, क्योंकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे को हर चुनाव में उठा रहे हैं। दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने बेरोजगारी को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए इसको लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अपने सम्बोधन में जमकर इसको लेकर सरकार निशाना साधा तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी इसको लेकर सरकार।पर हमला किया।

मनमोहन सिंह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि पढ़े लिखे होने के बावजूद हमारे युवकों को रोजगार के लिए भटकना पड़ता है और ऐसे में यदि दिल्ली में कांग्रेस सत्ता में आती है तो बेरोजगारी से निपटने के लिए ‘ठोस कदम’ उठाये जायेंगे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ” मैं कुछ ऐसे मुद्दे उठाना चाहता हूं जो आज युवाओं से जुड़े हैं। शिक्षा पर इतना सारा पैसा खर्च करने के बाद भी उन्हें रोजगार के लिए भटकना पड़ता है। यह शर्म की बात है।” मशहूर अर्थशास्त्री सिंह ने यह भी कहा कि दिल्ली में बेरोजगारी की दर पिछले चार महीने में 15 फीसद थी जो अन्य स्थानों की तुलना में बहुत ज्यादा है।

उन्होंने कहा, ” कांग्रेस लोगों के लिए प्रतिबद्ध है और यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो बेरोजगारी से निपटने के लिए ठोस कदम उठाये जायेंगे। हमारा जोर बेरोजगारी (हटाने) पर होगा।”

मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि दिल्ली में फैक्ट्री श्रमिकों की संख्या 2013-14,जब शीला दीक्षित सरकार सत्ता में थी, से 2017-18 में घटी है।

उन्होंने कहा, ” 2013-14 में फैक्ट्री श्रमिकों की संख्या 75,273 थी जो 2017-18 में घटकर 68,630 हो गयी।” पूर्व प्रधानमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अपनी सोच से अपने कार्यकाल में दिल्ली की शक्ल बदल देने को लेकर प्रशंसा भी की।

डॉ मनमोहन सिंह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में कल कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में रजौरी गार्डन में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे

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