
एसपीजी नियमो में बदलाव कर जिस प्रकार से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह , कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी , कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से एसपीजी सुरक्षा सरकार ने वापस ले लिया उसके बाद अब तक राजनीतिक बयानबाजी इस पर नही थमी है।
कांग्रेस की नई सहयोगी शिवसेना ने भी इस पर चिंता जताते कहा कि ऐसे मामलों में राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना चाहिए और किसी को भी किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए इस सप्ताह कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने वाली शिवसेना ने पूछा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में किसे लगता है कि गांधी परिवार पर खतरा कम हो गया है। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अनुरोध किया कि वह इस मामले पर विचार करे। मोदी अभी अकेले शख्स हैं, जिनके पास एसपीजी की सुरक्षा है।
केंद्र ने नवम्बर माह की शुरुआत में गांधी परिवार का विशेष रक्षा समूह (एसपीजी) का सुरक्षा घेरा हटा दिया और इसके बजाय उन्हें सीआरपीएफ का ‘जेड प्लस’ सुरक्षा घेरा दिया।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, चाहे दिल्ली हो या महाराष्ट्र, माहौल भयमुक्त होना चाहिए। यह शासकों की जिम्मेदारी है कि ऐसा माहौल पैदा किया जाए कि लोग भयमुक्त तरीके से काम कर सकें। जब ऐसा माहौल बन जाए तो सुरक्षा घेरा हटाने पर कोई आपत्ति नहीं होगी।
संपादकीय में कहा गया है, लेकिन प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य नेता अपना सुरक्षा घेरा हटाने के लिए तैयार नहीं हैं। बुलेटप्रूफ वाहनों की महत्ता भी कम नहीं हुई है। इसका मतलब है कि गांधी परिवार की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे सवालों का कुछ तो आधार है।
शिवसेना ने कहा, गांधी परिवार के काफिले में पुराने वाहन तैनात किए जाने के समाचार भी चिंताजनक हैं। अगर खतरे की घंटी बज रही है तो प्रधानमंत्री को इस मामले पर विचार करना चाहिए। शिवसेना ने कहा की गांधी परिवार पर खतरा कम होने के बारे में शंकाएं अब भी हैं।
शिवसेना ने 1984 और 1991 में गांधी परिवार के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्रियों क्रमश: इंदिरा और उनके बेटे राजीव गांधी की हत्याओं को भी याद किया, जिसके बाद गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा दी गई थी। पार्टी ने कहा कि 1987 में जब भारत-श्रीलंका शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए तो शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने भी राजीव गांधी की जान पर खतरे की बात की थी।
पार्टी ने कहा, सरकार को लग सकता है कि सबकुछ ठीक है, लेकिन कुछ महीने पहले कोलंबो होटल में बम धमाका हुआ। शिवसेना ने कहा, कांग्रेस या गांधी परिवार के साथ राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं। पिछले 5 वर्षों में नेहरू परिवार के साथ टकराव बढ़ गया है लेकिन किसी को भी किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उसने कहा कि अगर गांधी परिवार के अलावा कोई और भी होता तो तब भी वह ऐसे ही विचार व्यक्त करते।
इससे पहले कांग्रेस और विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने सरकार से अपील करते हुए कहा था कि गांधी परिवार को पुनः एसपीजी सुरक्षा प्रदान किया जाए। जब कांग्रेस की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस लगतार सड़को पर इसके लिए आंदलोन कर रही है वही दूसरी राहुल और सोनिया ने SPG को वर्षों तक सुरक्षा प्रदान करने के लिए धन्यवाद कहा था जबकि प्रियंका ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया था।