लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद CWC बैठक में कांग्रेस नेताओं ने आत्मचिंतन किया। कांग्रेस वर्किंग कमेटी में हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने नतीजों को लेकर कुछ सीनियर कांग्रेसी नेताओं को आड़े हाथ लिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने चुनाव में अपने बेटों को पार्टी से ज्यादा तरजीह दी। राहुल के मुताबिक, इन नेताओं ने अपने बेटों को टिकट देने में सारा जोर लिया दिया। राहुल गांधी ने ऐसी बात तब कही, जब इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मजबूत स्थानीय नेता खड़े करने का सुझाव दिया।
पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी ने इस कहा जिन प्रदेशो में कांग्रेस की सरकार थी, वहां भी पार्टी ने बेहद खराब प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और MP के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने बेटों को चुनाव लड़ाने के लिए दबाव बनाया, जबकि वह इसके पक्ष में नहीं थे। राहुल ने इसी संदर्भ में सीनियर कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम का भी नाम लिया और कहा उन्होंने भी दबाब बनाया। राहुल ने यह भी कहा कि उन्होंने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो मुद्दे उठाए गए थे, पार्टी के बड़े नेता उसे जनता के पास ले जाने में पूरी तरह से असफल रहे।
अब देखना होगा कि अब जिन नेताओ पर राहुल गांधी ने अपना गुस्सा जाहिर किया है क्या उन पर कारवाई भी होती और क्या पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल आगे काम करते हैं अथवा अपने जिद्द पर अड़कर इस्तीफ़ा देते हैं।