
राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा के बाद नए अध्यक्ष को लेकर हर दिन नए-नए कयास लगाए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस के अगले अध्यक्ष चुने जाने को लेकर चल रही पार्टी की अंदरूनी चर्चाएं अब निर्णायक चरण में पहुंच गई हैं. अंदरखाने देश की सबसे पुरानी पार्टी को संभालने के लिए राहुल गांधी के उत्तराधिकारी के नाम पर मुहर लग गई है।
संडे गार्जियन की एक खबर के अनुसार गांधी परिवार ने ही इस पद के लिए मौजूद विकल्पों में सबसे उपयुक्त नेता को चुन लिया है. हालांकि इसकी घोषणा होने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के सामने कांग्रेस फिर एक बार बेबस दिखी और सिर्फ 52 सीटों पर सिमट गई इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया इसके बाद लगभग140 से अधिक नेताओ ने इस्तीफा दे दिया है और राहुल गांधी को मनाने का हर प्रयास विफल हो गया।
नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कांग्रेस आलाकमान सभी नामों पर विचार करने के बाद गांधी परिवार की सलाह लेकर पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को पार्टी के अगले अध्यक्ष के तौर पर चुनने का मन बना चुका है. सुशील कुमार शिंदे के नाम पर सहमति बनने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, जनार्दन द्विवेदी से लेकर एके एंटनी और मुकुल वासनिक तक नामों पर चर्चा की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुशील कुमार शिंदे को इसके बारे में अंतिम जानकारी देनेके लिए शिंदे से राहुल गांधी मुलाकात कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार उनके नाम पर गांधी परिवार की ओर से आम सहमति मिल गई है।
शिंदे को कभी अति महत्वकांक्षी होते नहीं देखा गया. उनको लेकर यह आम धारणा है कि उन्होंने पार्टी के निर्देशों के ऊपर जाकर कभी अपनी महत्कांक्षाओं को हावी नहीं होने दिए. वह इससे पहले उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके हैं, तब उन्हें भैरो सिंह शेखावत से चुनौती मिली थी.
शिंदे पद के लिए क्यों हैं सबसे आगे
शिंदे को कभी अति महत्वकांक्षी होते नहीं देखा गया. उनको लेकर यह आम धारणा है कि उन्होंने पार्टी के निर्देशों के ऊपर जाकर कभी अपनी महत्कांक्षाओं को हावी नहीं होने दिए. वह इससे पहले उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके हैं, तब उन्हें भैरो सिंह शेखावत से चुनौती मिली थी.
यही नहीं जब महाराष्ट्र में उनके और विलासराव देशमुख के बीच मुख्यमंत्री बनने की होड़ शुरू हुई तो पार्टी ने उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया, लेकिन उन्होंने एक शब्द बोले बगैर यह पद ले लिया. इसके बाद उन्हें कांग्रेस की सरकार में केंद्र प्रमुख पदों पर बुलाया गया.
सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र के लिए जाने-माने दलित नेता हैं. आने वाले दिनों में सबसे बड़ा चुनाव महाराष्ट्र में ही होने वाला है. साथ ही वे इस बार लोकसभा चुनाव हार गए थे. ऐसे में उनकी पूरी तैयारी विधानसभा चुनावों में उतरने की भी होगी. इतना ही नहीं एनसीपी को कांग्रेस के साथ लाने में उन्हीं प्रमुख भूमिका है. सुशील कुमार शिंदे ही वह शख्स हैं जो आने वाले विधानसभा चुनाव में एनसीपी और कांग्रेस के बीच पूल का काम करेंगे.