राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार होने लगा है. कांग्रेस में अशोक गहलोत के कद का असर गुजरात में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी नज़र आ रहा है.
कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए लगाए गए 37 पर्यवेक्षकों में 23 पर्यवेक्षक राजस्थान से हैं. जिन नेताओं को गुजरात चुनाव में पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. इनमें राजस्थान के 13 मंत्री और 10 विधायक शामिल हैं. ये सभी अशोक गहलोत के करीबी नेता हैं. अशोक गहलोत खुद गुजरात के प्रभारी रह चुके हैं. अभी राजस्थान के पूर्व मंत्री रघु शर्मा गुजरात के प्रभारी हैं. ये सभी पर्यवेक्षक 22 विधानसभाओं में नेताओं से रायशुमारी कर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे.
राजस्थान से जिन नेताओं को गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रयवेक्षक लगाया गया हैं उनमें बीडी कल्ला,उदयलाल आंजना, रामलाल जाट, अशोक चांदना, प्रमोद जैन भाया जैसे बड़े चेहरे शामिल हैं. इसके अलावा सुखराम बिश्नोई, गोपाल मीणा,अमित चाचाण, सुरेश मोदी,अर्जुन बामणिया, गोविंद राम मेघवाल, राजकुमार शर्मा, हाकम अली,अमीन कागज़ी, धर्मेंद्र राठौड़, शकुंतला रावत, अशोक बैरवा, साले मोहम्मद, इंद्राज गुर्जर, पानाचंद मेघवाल,राजेंद्र यादव, ताराचंद भगोरा, महेंद्र जीत सिंह मालवीय, करण सिंह यादव और महेंद्र गहलोत शामिल हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद गुजरात के प्रभारी थे. इस बार राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को गुजरात प्रभारी लगाया गया. इसके चलते रघु शर्मा को स्वास्थ्य मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. गहलोत ने गुजरात के प्रभारी रहते हुए बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. पड़ौसी राज्य होने के नाते विधानसभा चुनाव में राजस्थान के नेताओं को मौका दिया गया है. राजस्थान से जिन नेताओं को गुजरात में पर्यवेक्षक लगाया गया है. वे स्थानीय नेताओं से रायशुमारी कर मजबूत दावेदारों की सूची अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को सौंपेंगे.