कोरोना वायरस से निपटने में गुजरात सरकार के उदासीन रवैये की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने इसके लिए सरकार में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के बीच मतभेदों को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सब जानते हैं कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच क्या चल रहा है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित शहरों में से एक है और सरकार इससे निपटने के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस इस पर राजनीति नहीं करना चाहती, बल्कि सही सुझाव देना चाहती है।”
इससे पहले, गुजरात कांग्रेस के प्रमुख अमित चावड़ा ने आरोप लगाया था कि अहमदाबाद में हुए ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम के कारण कोविड-19 के मामले राज्य में फैल गए। उन्होंने कहा कि ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम के कारण आज अहमदाबाद राज्य में 73 प्रतिशत मौतों के साथ कोरोना हॉटस्पॉट बन गया है। आज न केवल गुजरात, बल्कि पूरा देश ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम की कीमत चुका रहा है। गुजरात के विकास मॉडल को झूठ करार देते हुए, कांग्रेस ने कहा कि इसने न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश को तबाह कर दिया।
बता दें कि गुजरात में कोरोना संक्रमण से मौतों का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा। देश में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामलों में महाराष्ट्र के बाद गुजरात दूसरे नंबर पर है। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 8 हजार को पार कर चुकी है। राज्य में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 500 को पार कर गई है। इनमें सबसे ज्यादा अहमदाबाद में अब तक 400 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। जबकि सूरत में 39 और वडोदरा में 31 लोगों की जानें जा चुकी हैं। राज्य में कोरोना से हुई कुल मौतों में से 80 फीसदी मौत अकेले अहमदाबाद में हुई है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6000 के पार हो गई है। यह शहर देश में मुंबई के बाद सबसे अधिक प्रभावित है। पूरे गुजरात में कोरोना के लगातार तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए अहमदाबाद और सूरत के बाद अब गांधीनगर में भी रविवार से संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। साथ ही आज से इन शहरों में करेंसी लेन-देन पर रोक लगाते हुए डिजिटल पेमेंट का आदेश दिया गया है।