हरियाणा में तेज हुआ चुनावी शोर , कांग्रेस में लगतार बढ़ रही है टिकट के दावेदारों की संख्या

हरियाणा में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है। प्रदेश में इस बार भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में ही होने की संभावना है जबकि क्षेत्रीय दल इसे त्रिकोणीय बनाने के प्रयास में हैं। बीजेपी यहां पर के 5 सालों से सत्ता में है तो वहीं कांग्रेस इस बार पुनः सत्ता में वापसी के लिए बेताब है। हालंकि अभी चुनाव आयोग ने चुनाव की कोई तारीख घोषित नहीं की हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी समेत अन्‍य राजनीतिक पार्टियां में चुनावी जंग शुरु हो चुकी हैं।

ऐसे में हरियाणा विधानसभा चुनाव के आधिकारिक ऐलान से पहले ही सभी राजनीतिक दल अपना-अपना तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा स्तर के नेता टिकट के लिए दावेदारी ठोकना शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस में अचानक से टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ गई है।

जबकि हरियाणा कांग्रेस अपना पूरा दम खम लगाने में जुटी हुई हैं। हर हाल में चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आए इसके लिए वह मौजूदा विधायकों को दोबारा चुनावी रण में उतारने का मन बना रही हैं।

हर दिन पार्टी कार्यालय में टिकट पाने की चाह में लोगों का जमावाड़ा लग रहा हैं। आवेदन करने वाले नेता अब हरियाणा कांग्रेस कमेटी के चंडीगढ़ कार्यालय के चक्कर काट रहे है।

वहीं कांग्रेस की नई प्रदेश अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा ने भी खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान पहले ही कर रखा है। प्रदेश अध्यक्ष सैलजा ने चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों से आवेदन मांगे हैं। टिकट के लिए आवेदन करने से पहले किसी भी दावेदार का कांग्रेसी होना अनिवार्य है। लिहाजा, इस शर्त को पूरा करने के लिए उन लोगों में कांग्रेसी बनने की होड़ मची रही, जिन्होंने अभी तक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तक नहीं ली। उधर, पार्टी के मौजूदा विधायकों के दोबारा चुनावी रण में भेजने की संभावना जतायी जा रही हैं।

हरियाणा कांग्रेस कार्यालय में हर रोज ऐसे लोग आ रहे हैं, जो सदस्यता फार्म की मांग कर रहे हैं। इन लोगों को बाकायदा फार्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पार्टी सभी दावेदारों से एक फॉर्म भरवा रही है। इस फॉर्म में कई तरह के कॉलम हैं। मसलन कब से कांग्रेस में हैं और पहले कितने चुनाव लड़े। शैक्षिक योग्यता से लेकर पारिवारिक सूचनाएं तक इस प्रोफार्मा में मांगी गई हैं। मौजूदा विधायकों को भी प्रोफार्मा भरकर देने को कहा गया है।

गौर करने वाली बात ये हैं कि हरियाणा में कांग्रेस के मौजूदा 16 विधायक हैं। 16 विधायकों में 12 हुड्डा समर्थक हैं। पार्टी के हक में माहौल बनाने को हुड्डा और सैलजा की जोड़ी भी फील्ड में उतर चुकी है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में सक्रियता आ गई है, जो कार्यकर्ता अभी तक अपने घरों में बैठे थे, अब वह फील्ड में आकर चुनाव लड़ने की स्थिति में पहुंच गए हैं।

हुड्डा और सैलजा की जोड़ी को काम करने के लिए हालांकि बेहद कम समय मिला है, लेकिन दोनों ने लोकसभावार कार्यकर्ता सम्मेलनों की शुरुआत की है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत और करनाल लोकसभा क्षेत्रों की तीन दर्जन विधानसभा सीटों के कार्यकर्ताओं से हुड्डा और सैलजा की जोड़ी संपर्क साध चुकी है।

हरियाणा कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का गठन हो चुका है, जिसके चेयेरमैन मधुसूदन मिस्त्री हैं। हुड्डा, सैलजा और गुलाम नबी आजाद को इस कमेटी में रखा गया है।

अब देखना दिलचस्प होगा की कांग्रेस किस तरह के उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारती है और वह भाजपा के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों से किस तरह से मुकाबला करते हैं और कांग्रेस इस चुनाव में कितने सीटों पर जीत दर्ज करती है

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