कांग्रेस में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भूमिका लगातार बढ़ रही है. पिछले कुछ दिनों से उन्होंने सोनिया गांधी से कई मुलाकात की हैं। साथ ही पार्टी के बड़े नेताओं के साथ वो रणनीति बनाने का काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि मिशन 2024 की तैयारी चल रही है. साथ ही प्रशांत किशोर जल्द पार्टी में शामिल भी हो सकते हैं।
कांग्रेस ने अपना पूरा ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि अब आने वाले विधानसभा के चुनावों से लेकर लोकसभा के चुनावों की पूरी कमान सोनिया गांधी ने खुद अपने हाथ में ले ली है।
कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि आने वाले 72 घंटों के भीतर कांग्रेस के अंदर बड़े परिवर्तन और बड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं। बीते कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी के आला पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं के बीच लगातार बैठकों का दौर चल रहा है।
लगातार हो रही इन बैठकों को लेकर कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला कहते हैं कि बीते 3 दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी को मजबूत करने की दिशा में लगातार बैठके कर रही हैं। सुरजेवाला कहते हैं कि आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनावों को देखते हुए कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव और सुधार लाने जैसे कई मुद्दों पर विमर्श चल रहा है।
वह कहते हैं कि अगले दो से तीन दिनो के भीतर लगातार हो रही बैठकों का दौर पूरा हो जाएगा। बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी आगामी चुनावों के अनुरूप खुद को ढालने और अपनी नीतियों से जनता को अवगत कराने के मुख्य मसौदे पर चर्चा की जा रही है।
सुरजेवाला कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने के लिए अब बड़े फेरबदल तक कर सकती है। हालांकि, यह फेरबदल किस स्तर पर होंगे, इसको लेकर फिलहाल अभी कोई एक राय नहीं बनी है।
कांग्रेस में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के शामिल होने या ना होने पर भी हो रही है। खासतौर से कांग्रेस के एक बड़े सर्किल में यह आकलन लगाया जा रहा है कि प्रशांत किशोर पार्टी में शामिल होंगे। जबकि कुछ लोगों का कहना है प्रशांत किशोर महज पार्टी को राय मशविरा ही देंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि इस वक्त पार्टी में सबसे ज्यादा आवश्यकता मजबूत नेतृत्व की है। कांग्रेस का नेतृत्व जितना मजबूत होगा, आने वाले चुनावों में लड़ाई उतनी ज्यादा बेहतर तरीके से लड़ी जा सकेगी। वह कहते हैं कि अगर वक्त रहते कांग्रेस ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो निश्चित है कि आने वाली लड़ाइयां और कठिन होती जाएंगी। वह कहते हैं कि जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी एक बुलडोजर जैसे मशीन को अपनी पार्टी के बड़े ब्रांड के तौर पर स्थापित करती जा रही है और कांग्रेस पार्टी अपने नेतृत्व कोई स्थापित करने में ही उलझा हुआ है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाली लड़ाइयां किस तरीके से लड़ी जाने वाली है।
फिलहाल सोनिया गांधी के साथ हो रही लगातार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठकों से कांग्रेस के एक बड़े तबके में उम्मीद की किरण यह है कि संभवत 3 दिनों के बाद पार्टी कोई बड़े फैसले लेने के लिए सक्षम हो सकेगी और आने वाले चुनावों में मजबूती के साथ मैदान में होगी।